म्युचुअल फंड

जियो फाइनैंशियल के म्युचुअल फंड लाइसेंस के लिए आवेदन पर हो रहा विचार: सेबी

जियो फाइनैंशियल ने संयुक्त उद्यम की घोषणा जुलाई में की थी। दोनों साझेदारों की योजना संयुक्त उद्यम में 15-15 करोड़ डॉलर के निवेश की है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- January 03, 2024 | 10:11 PM IST

म्युचुअल फंड लाइसेंस के लिए जिन आवेदनों पर विचार हो रहा है उनमें जियो फाइनैंशियल सर्विसेज भी शामिल है। बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड आवेदकों की अपडेटेड सूची में यह जानकारी दी। परिसंपत्ति प्रबंधन के लिए ब्लैकरॉक फाइनैंशियल मैनेजमेंट के साथ संयुक्त उद्यम बनाने वाली जियो फाइनैंशियल ने 19 अक्टूबर, 2023 को फंड लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।

हर तिमाही के आखिर में सेबी आवेदकों की सूची अपडेट करता है। सेबी के अपडेट से यह कयास समाप्त हो गया कि जियो फाइनैंशियल 50 लाख करोड़ रुपये वाले म्युचुअल फंड उद्योग में प्रवेश के लिए अधिग्रहण पर विचार कर रही थी।

जियो फाइनैंशियल ने संयुक्त उद्यम और परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में उतरने की घोषणा जुलाई में की थी। दोनों साझेदारों की योजना संयुक्त उद्यम में 15-15 करोड़ डॉलर के निवेश की है।

विगत में फंड लाइसेंस के लिए सेबी की तरफ से लिए गए समय को देखते हुए जियो फाइनैंशियल को अपना फंड शुरू करने में कम से कम एक साल लग सकता है। लाइसेंस दो चरणों में दिए जाते हैं। शुरू में आवेदकों को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिलती है, जिससे उन्हें एएमसी के गठन के शुरुआती इजाजत मिलती है। अं​तिम मंजूरी कुछ महीने बाद मिलती है।

कुछ समय से सेबी लाइसेंस की मंजूरी में तेजी कर रहा है। मार्च 2023 से बाजार नियामक ने चार परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को अंतिम मंजूरी दी है जिनमें बजाज फिनसर्व, ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट, हेलियस कैपिटल और जीरोधा शामिल है। कंपनियों को साल की शुरुआत से पहले सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी थी।

First Published : January 3, 2024 | 10:11 PM IST