म्युचुअल फंड

Mutual Fund: फंड ऑफ फंड्स में नई हलचल, निवेशकों को मिलेगा वन-स्टॉप सॉल्यूशन

इक्विटी और डेट को संतुलित करने के लिए 5 ऑल-इन-वन फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) पेशकश की तैयारी, जिनमें से कुछ कम अ​स्थिरता वाले भी

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- August 03, 2025 | 9:51 PM IST

फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) क्षेत्र में नई गतिविधियां अब डायवर्सिफाइड इक्विटी और हाइब्रिड पेशकशों पर केंद्रित हो रही हैं। पहले ये गतिविधियां डेट-प्लस-आर्बिट्रेज श्रेणी तक सीमित थीं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में जमा किए गए योजना दस्तावेजों के अनुसार आने वाले महीनों में कम से कम पांच ऐसी इक्विटी और मल्टी-ऐसेट योजनाएं पेश होने वाली हैं।

आगामी पेशकशों में एडलवाइस मल्टी ऐसेट ओमनी एफओएफ, मिरे ऐसेट मल्टी ऐसेट ऐक्टिव एफओएफ, यूनियन डायवर्सिफाइड इक्विटी ऑल कैप एक्टिव फंड ऑफ फंड, मिरे ऐसेट मल्टी फैक्टर पैसिव फंड ऑफ फंड और एसबीआई डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन एक्टिव एफओएफ शामिल हैं। जीरोधा फंड हाउस ने पिछले हफ्ते मल्टी ऐसेट पैसिव फंड ऑफ फंड शुरू किया है।

म्युचुअल फंड अधिकारियों के अनुसार ये योजनाएं उन निवेशकों के लिए वन-स्टॉप विकल्प के रूप में काम करती हैं जो किसी एसेट क्लास में एसेट एलोकेशन या स्कीम चयन का काम फंड मैनेजर को देना चाहते हैं। जहां एक इक्विटी फंड ऑफ फंड (एफओएफ) ऐक्टिव या पैसिव इक्विटी स्कीमों के मिश्रण में निवेश करता है, वहीं मल्टी-एसेट फंड ऑफ फंड (एफओएफ) अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और कमोडिटी फंड शामिल करते हैं।

हालांकि ये फंड एक ही श्रेणी में आते हैं, लेकिन ये अपने परिसंपत्ति ढांचे, रिटर्न प्रोफाइल और जोखिम के स्तर में अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, एडलवाइस एमएफ के एफओएफ प्लान ऐ​क्टिव और पैसिव इक्विटी योजनाओं में 65-80 प्रतिशत निवेश की योजना बना रहे हैं जबकि शेष राशि डेट और कमोडिटी फंडों में जाएगी।

एडलवाइस एमएफ की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘मल्टी ऐसेट ओमनी एफओएफ कई परिसंपत्ति वर्गों में संतुलित निवेश मुहैया कराता है और एक ही योजना में ऐक्टिव और पैसिव रणनीतियों का मिश्रण करता है। इसे विविधीकरण के लिहाज से तैयार किया गया है, यह बाजार चक्रों में मदद करता है और दीर्घकालिक धन सृजन के इच्छुक निवेशकों के लिए उपयुक्त है।’

इस बीच, जीरोधा का नया मल्टी ऐसेट पैसिव फंड ऑफ फंड (एफओएफ) पूरी तरह से फिक्स्ड ऐसेट मिक्स वाली पैसिव स्कीमों में निवेश करता है। जीरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन ने कहा, ‘यह उन निवेशकों के लिए तैयार समाधान है जो एकल निवेश के जरिये विविधता लाना चाहते हैं। साथ ही इसमें पोर्टफोलियो संतुलन प्रक्रिया के दौरान कर दक्षता का अतिरिक्त लाभ भी मिलता है।’

फंड्सइंडिया में वरिष्ठ शोध प्रबंधक जिरल मेहता ने कहा, ‘ये उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो ऐसा समाधान चाहते हैं जिसमें कोई हस्तक्षेप न हो। लेकिन इसका मतलब एक केंद्रित पोर्टफोलियो रखना भी है जो फंड या ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के संकट में पड़ने पर जोखिम भरा हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह का फंड आपके मौजूदा आवंटन को भी बिगाड़ सकता है जिससे अनजाने में ज्यादा या कम निवेश हो सकता है।’​

इस समय बाजार में ऐसी लगभग 25 योजनाएं हैं। इनमें से अधिकांश मल्टी-ऐसेट दृष्टिकोण अपनाती हैं। कुल मिलाकर ये योजनाएं लगभग 43,000 करोड़ रुपये का प्रबंधन करती हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) के पास है। हालांकि अधिकांश फंड हाउस पहले से ही सक्रिय मल्टी-ऐसेट फंडों का संचालन करते हैं, लेकिन इस श्रेणी में एक विशिष्ट योजना मुहैया कराने के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) संरचना का उपयोग किया जा रहा है।

First Published : August 3, 2025 | 9:51 PM IST