facebookmetapixel
क्या सोना अब और टूटेगा? जानिए क्यों घट रही हैं कीमतें47% चढ़ सकता है सर्विस सेक्टर कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने BUY रेटिंग के साथ शुरू की कवरेजGroww Q2 Results: दमदार तिमाही से शेयर 7% उछला, मुनाफा 25% बढ़ा; मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ के पारNifty-500 में रिकॉर्ड मुनाफा, लेकिन निफ्टी-100 क्यों पीछे?Sudeep Pharma IPO: ग्रे मार्केट में धमाल मचा रहा फार्मा कंपनी का आईपीओ, क्या निवेश करना सही रहेगा?Smart Beta Funds: क्या स्मार्ट-बीटा में पैसा लगाना अभी सही है? एक्सपर्ट्स ने दिया सीधा जवाबपीएम-किसान की 21वीं किस्त जारी! लेकिन कई किसानों के खाते खाली – आखिर वजह क्या है?Gold and Silver Price Today: सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर दोनों के भाव फिसलेक्रिप्टो पर RBI की बड़ी चेतावनी! लेकिन UPI को मिल रही है हाई-स्पीड ग्रीन सिग्नलभारत और पाकिस्तान को 350% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी: ट्रंप

भारत में 1963 में हुई थी म्यूचुअल फंड की शुरुआत, आज 40 ट्रिलियन रुपये का है बाजार

Last Updated- December 10, 2022 | 4:09 PM IST
Mutual Fund

एक डेवेलप इकोनॉमी के लिए बड़ी भागीदारी वाला एक मजबूत फाइनेंस मार्किट आवश्यक है। इस उद्देश्य के साथ भारत का पहला म्यूचुअल फंड 1963 में स्थापित किया गया था। पहला म्यूचुअल फंड यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) कंपनी द्वारा शुरू किया था। इसे भारत सरकार और RBI की पहल ‘बचत और निवेश मार्केट’ को बढ़ावा देने के तहत शुरू किया था।

पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड मार्केट में काफी वृद्धि हुई है। भारत में म्युचुअल फंड के इतिहास को मोटे तौर पर पांच अलग-अलग चरणों में विभाजित किया जा सकता है।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की वेबसाइट के अनुसार, पहला चरण 1964-1987 के बीच था।

भारत में म्युचुअल फंड उद्योग 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा 1963 में UTI के गठन के साथ शुरू हुआ और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियामक और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य किया। साल 1988 के अंत में UTI के पास 6,700 करोड़ की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) था।

वहीं, दूसरा चरण 1987 से 1993 रहा। इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय सामान्य बीमा निगम (GIC) द्वारा स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र के म्युचुअल फंडों का प्रवेश हुआ। साल 1993 के अंत तक AUM 47,004 करोड़ रुपये था।

तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ और 2003 तक चला। तब सिक्योरिटी बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा और विकास को बढ़ावा देने तथा नियमित करने के लिए अप्रैल 1992 में SEBI की स्थापना के साथ भारतीय सिक्योरिटी बाजार को अधिक महत्व मिला। जनवरी 2003 के अंत तक 1,21,805 करोड़ रुपये के कुल AUM के साथ 33 म्यूचुअल फंड थे। इनमें से अकेले UTI के पास 44,541 करोड़ रुपये का AUM था।

चौथा चरण फरवरी 2003 से अप्रैल 2014 का रहा। वर्ष 2009 में वैश्विक मंदी के बाद दुनिया भर के सिक्योरिटी बाजार डूब गए थे और भारत में भी ऐसा ही था। इस दौरान पूंजी बाजार में प्रवेश करने वाले ज्यादातर निवेशकों का पैसा डूब गया था और म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स में उनका विश्वास काफी हिल गया था। बाजार का AUM ने 31 मई 2014 को पहली बार 10 खरब (ट्रिलियन) रुपये का माइलस्टोन पार कर गया था।

पांचवां (वर्तमान) चरण मई 2014 से अभी तक चल रहा है। मई 2014 से म्युचुअल फंड मार्केट में स्थिर निवेश और असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) श्रेणी के साथ-साथ निवेशक फोलियो (खातों) की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

इसी के साथ भारतीय म्युचुअल फंड बाजार का ओवरऑल आकार 30 नवंबर 2012 को 7.93 खरब रुपये से बढ़कर 30 नवंबर 2022 तक 40.38 खरब रुपये हो गया है। इसमें 10 वर्षों की अवधि पांच गुना से अधिक वृद्धि हुई है।

क्या होता है म्यूचुअल फंड ?

म्यूचुअल फंड एक पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित धन का एक समूह है। निवेशकों के समूह मिल कर स्टॉक, अल्प अवधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) में निवेश करते है।। UTI एएमसी भारत की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है।

First Published - December 10, 2022 | 4:09 PM IST

संबंधित पोस्ट