Power of SIP: अगर आप हर महीने ₹1,000 को इक्विटी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करते हैं, तो 30 साल बाद यह छोटी-सी रकम ₹34.9 लाख में बदल सकती है। यह अनुमान FundsIndia के एक विश्लेषण में सामने आया है। इस दौरान कुल निवेश सिर्फ ₹3.6 लाख होगा, लेकिन 12% की औसत सालाना रिटर्न मानकर यह रकम काफी बढ़ सकती है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक ऑटोमेटेड निवेश तरीका है, जिसमें आप तय समयांतराल पर किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह ठीक उसी तरह काम करता है, जैसे बैंक में आवर्ती जमा (Recurring Deposit – RD)। इसमें पैसा ऑटोमैटिक रूप से आपके बैंक खाते से कटकर आपके चुने हुए म्यूचुअल फंड में जमा हो जाता है।
हालांकि, SIP में दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या तिमाही आधार पर निवेश किया जा सकता है, लेकिन महीने में एक बार SIP करना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसे आसानी से सैलरी साइकल के साथ जोड़ा जा सकता है।
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SIP से पैसे कैसे बढ़ते हैं?
SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की खूबी यह है कि यह कंपाउंडिंग के असर से संपत्ति बढ़ाने में मदद करता है। यानी, आपको सिर्फ अपने निवेश पर ही नहीं, बल्कि उस पर मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है क्योंकि कमाई को दोबारा निवेश कर दिया जाता है। SIP में नियमित रूप से निवेश करने से छोटी-छोटी रकम समय के साथ बढ़कर एक बड़ा फंड बन जाती है। जितना लंबा निवेश रहेगा, कंपाउंडिंग का असर उतना ही ज्यादा होगा।
बाजार में निवेश का सही समय चुनना मुश्किल
इक्विटी बाजार में निवेश करने का सही समय पहचानना आसान नहीं होता। बाजार में किसी कीमत को “अच्छा,” “बुरा” या “बेहतरीन” बताना संभव नहीं है, क्योंकि यह केवल समय बीतने के बाद ही स्पष्ट होता है। SIP इसी समस्या का समाधान देता है।
बाजार की कीमतें और SIP का असर
SIP क्यों है सबसे बेहतर तरीका?
चूंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहता है, इसलिए सही समय पर निवेश करना मुश्किल हो जाता है। SIP इस समस्या को हल करता है, क्योंकि इसमें हर महीने एक तय रकम निवेश की जाती है, चाहे बाजार ऊपर हो या नीचे।
SIP में कभी-कभी निवेश ऊंची कीमतों पर भी हो सकता है और कभी-कभी कम कीमतों पर भी। लेकिन SIP की खासियत यह है कि जब आप बेहतरीन कीमतों पर निवेश करते हैं, तो यह बुरी कीमतों के असर को कम कर देता है। लंबे समय में, SIP निवेश की औसत लागत को संतुलित कर “अच्छी कीमत” के आसपास ले आता है, जिससे स्थिर और अच्छे रिटर्न मिलते हैं।
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अगर आप निवेश में ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। SIP का फायदा यह है कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है। जब बाजार नीचे होता है, तो ज्यादा यूनिट्स खरीदी जाती हैं और जब बाजार ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे निवेश की औसत लागत कम हो जाती है और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है।
SIP बनाम एकमुश्त निवेश
HDFC म्यूचुअल फंड की एक स्टडी के अनुसार, 15 साल की अवधि में SIP निवेशकों को लंप सम (एकमुश्त) निवेश करने वालों की तुलना में 20% ज्यादा रिटर्न मिला। 30 साल की अवधि में SIP ने बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया और संपत्ति बनाने में मदद की।
पिछले 10 सालों में, जब बाजार अच्छा था, तब निवेश पर 15% से ज्यादा रिटर्न मिला, जबकि खराब बाजार में यह 10% से कम रहा। हालांकि, SIP निवेशकों ने औसतन ऐसे रिटर्न कमाए, जो पूरे निवेश कार्यकाल में संतुलित रहे।
डिसिप्लिन से ही SIP में सफलता
एक रिपोर्ट के मुताबिक, SIP का मकसद लंबे समय में अच्छा रिटर्न देना है। कई बार निवेशक गलत समय पर बाजार में निवेश करने की गलती कर बैठते हैं। SIP इस जोखिम को कम करता है क्योंकि यह नियमित अंतराल पर निवेश करता है। महत्वपूर्ण यह है कि निवेशक बाजार गिरने पर घबराएं नहीं और SIP जारी रखें।
SIP में धैर्य और अनुशासन सबसे जरूरी है। अगर आप इसे लंबे समय तक जारी रखते हैं, तो यह आपको बेहतरीन रिटर्न दिला सकता है और वित्तीय लक्ष्य पूरे करने में मदद कर सकता है।