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हाई वैल्यूएशन का असर: स्मॉलकैप फंड्स ने स्मॉलकैप शेयरों में घटाया निवेश, मिड और लार्जकैप की ओर बढ़ा रुझान

आकार के लिहाज से इस श्रेणी की 10 अग्रणी योजनाओं का स्मॉलकैप में औसत आवंटन अक्टूबर 2024 में 76.4 फीसदी था, जो अब घटकर 74.4 फीसदी रह गया है

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- November 26, 2025 | 9:58 PM IST

स्मॉलकैप शेयरों की ओर स्मॉलकैप फंडों का झुकाव पिछले एक साल में कम हुआ है क्योंकि व्यापक बाजार का मूल्यांकन ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। आकार के लिहाज से इस श्रेणी की 10 अग्रणी योजनाओं का स्मॉलकैप में औसत आवंटन अक्टूबर 2024 में 76.4 फीसदी था, जो अब घटकर 74.4 फीसदी रह गया है।

स्मॉलकैप योजनाओं के लिए अपनी कुल राशि का कम से कम 65 फीसदी स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करने की अनिवार्यता है। बाकी रकम लार्जकैप, मिडकैप और डेट योजनाओं में निवेश की जा सकती है। लेकिन कुछ योजनाएं ऐसी भी हैं जो सिर्फ स्मॉलकैप शेयरों में ही निवेश करती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न पूंजीकरण सेगमेंट में आवंटन मोटे तौर पर प्रत्येक बास्केट के सापेक्ष आकर्षण के आधार पर होता है।

पिछले 12 महीनों के पीई अनुपात के अनुसार स्मॉलकैप सूचकांक इस समय पिछले साल की तुलना में ज्यादा महंगे हैं। 31 अक्टूबर, 2025 तक निफ्टी स्मॉलकैप 250 का पीई अनुपात 32.2 था जबकि पिछले साल इसी समय यह 30.2 रहा था। यह तब है जब सूचकांक में एक साल की अवधि में 2.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड ने अपने नवीनतम इक्विटी आउटलुक में कहा, भारतीय बाजारों ने वैश्विक बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है, जिससे यह कॉन्टेरियन विकल्प बन गया है। तथापि मूल्यांकन सस्ते नहीं हैं लेकिन शिखर से थोड़े नीचे आए हैं। मिड-कैप और स्मॉल-कैप का मूल्यांकन अभी भी ऊंचा बना हुआ है।

हालांकि हाल के महीनों में सूचकांक के स्तर पर मूल्यांकन में वृद्धि हुई है, लेकिन फंड प्रबंधकों और बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर 2024 के बाद मूल्य और समयबद्ध गिरावट से कुछ क्षेत्रों में बरकरार तेजी दूर करने में मदद मिली है। पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर (इक्विटी) उत्सव मेहता के अनुसार, आवंटन में परिवर्तन अन्य कारकों से भी हुआ है।

उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए कि एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने बाजार पूंजीकरण (अर्ध-वार्षिक कवायद) के आधार पर कंपनियों की संशोधित सूची जारी की है। इसमें कुछ पोर्टफोलियो होल्डिंग्स को स्मॉलकैप से मिडकैप में दोबारा वर्गीकृत किया गया है। हमारी कई होल्डिंग्स ने शेयर कीमत में मजबूत प्रदर्शन देखा है और इसलिए उन्हें मिडकैप में अपग्रेड कर दिया गया है। इस प्रकार, होल्डिंग्स में कोई बड़ा बदलाव न होने के बावजूद स्मॉलकैप आवंटन में गिरावट आई है।

फंड हाउसों द्वारा साझा किए गए बाजार पूंजीकरण के अनुसार किए गए निवेश के आंकड़ों से पता चलता है कि स्मॉलकैप श्रेणी की 27 योजनाओं का अक्टूबर 2025 में औसत लार्जकैप निवेश 5.7 फीसदी था जबकि पिछले साल इसी महीने यह 4.6 फीसदी रहा था। इस अवधि में मिडकैप निवेश 12.3 फीसदी से बढ़कर 14.9 फीसदी पर पहुंच गया है। बैंक ऑफ इंडिया एमएफ, पीजीआईएम इंडिया एमएफ और यूनियन एमएफ की स्मॉलकैप योजनाओं में स्मॉलकैप निवेश में सबसे तेज गिरावट (10 फीसदी से ज्यादा ) देखी गई है।

First Published : November 26, 2025 | 9:54 PM IST