शेयर बाजार

अदाणी एंटरप्राइजेज के राइट्स एंटाइटेलमेंट में जोरदार ट्रेडिंग, 373 से 600 रुपये के दायरे में हुआ कारोबार

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो सत्रों में करीब 50 लाख आरई का कारोबार हुआ

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समी मोडक   
Last Updated- November 26, 2025 | 10:11 PM IST

गौतम अदाणी की अगुआई वाली अदाणी एंटरप्राइजेज (एईएल) के राइट्स एंटाइटेलमेंट (आरई) ने विशेष ट्रेडिंग विंडो के दौरान 373 रुपये से 600 रुपये के बीच कारोबार किया। यह विंडो मौजूदा शेयरधारकों को कारोबार के लिए दी गई थी। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो सत्रों में करीब 50 लाख आरई का कारोबार हुआ। बुधवार को आरई 494.2 रुपये पर बंद हुआ जबकि अदाणी समूह की इस प्रमुख कंपनी के शेयर 0.7 फीसदी की गिरावट के साथ 2,317 रुपये पर बंद हुए।

एईएल का 24,930 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू और संबंधित आरई ट्रेडिंग विंडो दोनों मंगलवार को खुल गए। आरई विंडो 5 दिसंबर तक खुली रहेगी जबकि राइट्स इश्यू 10 दिसंबर को बंद होगा।

आरई मैकेनिज्म उन शेयरधारकों को अपने एंटाइटलमेंट को बेचने की अनुमति देता है जो राइट्स इश्यू में आवेदन नहीं करना चाहते । इस सुविधा का पहली बार इस्तेमाल 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के 53,125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू के दौरान किया गया था।

एईएल 1,800 रुपये प्रति शेयर की दर पर 13.85 करोड़ नए शेयर जारी कर रही हैजो पिछले बंद भाव से 22 फीसदी कम है। आरआईएल की तरह एईएल भी शुरुआत में आंशिक रूप से चुकता शेयर जारी करेगी जिसका भुगतान निवेशक तीन किस्त में करेंगे: आवेदन के समय 900 रुपये प्रति शेयर, उसके बाद जनवरी और मार्च 2026 में 450 रुपये प्रति शेयर की दो किस्त।

आरई के लिए समायोजन के बाद राइट्स इश्यू की प्रभावी कीमतें मौजूदा बाजार कीमत से सिर्फ एक फीसदी नीचे हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने कहा वकि किस्तों में भुगतान की समयसारणी निवेशकों को लचीलापन मुहैया कराती है जबकि इसके मुकाबले पूर्ण चुकता शेयर के लिए 2,317 रुपये का अग्रिम भुगतान करना होता है।

चूंकि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) आंशिक चुकता शेयर नहीं रख सकते। लिहाजा उन्हें आरई की बिकवाली करने की जरूरत होती है। एईएल निफ्टी-50 में शामिल शेयरों का हिस्सा है और इस बेंचमार्क को ट्रैक करने वाले ईटीएफ व ईंडेक्स फंड 3 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करते हैं।

सितंबर 2025 तिमाही के अंत में एईएल में प्रवर्तक हिस्सेदारी 73.97 फीसदी थी। प्रमुख सार्वजनिक शेयरधारकों में भारतीय जीवन बीमा निगम के पास 4.16 फीसदी और जीक्यूक्यू के पास करीब 3.87 फीसदी हिस्सेदारी थी। यह देखना बाकी है कि ये प्रमुख निवेशक राइट्स इश्यू में भाग लेंगे या नहीं।

2023 में एईएल ने पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड 20,000 करोड़ रुपये के अपने एफपीओ को वापस ले लिया था। इसकी वजह अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद इस शेयर में गिरावट आना था।

First Published : November 26, 2025 | 10:05 PM IST