म्युचुअल फंड (एमएफ) क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी में बदलाव दिख रहा है। हाल के महीनों में स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टोरल फंडों में नए निवेश खातों के खुलने और शुद्ध निवेश में उनकी हिस्सेदारी में गिरावट आई है। इसके विपरीत कमोडिटी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और फ्लेक्सीकैप योजनाएं अपने मजबूत प्रदर्शन के कारण लोकप्रियता के चार्ट पर ऊपर पहुंच गई हैं।
तीन सबसे ज्यादा जोखिम वाली इक्विटी स्कीम श्रेणियों- मिडकैप, स्मॉलकैप और सेक्टोरल एवं थीमैटिक- में कुल नए खाते या फोलियो जुड़ने की दर लगातार तीन महीनों से घट रही है। ईटीएफ और फ्लेक्सीकैप फंडों के मामले में इसके विपरीत हुआ है और पिछले छह महीनों में कुल शुद्ध खाते जुड़ने की दर में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा पिछले नौ महीनों में से सात में उन्होंने तीन इक्विटी श्रेणियों की तुलना में ज्यादा खाते जोड़े हैं।
ईटीएफ की बात करें तो ज्यादातर खाते गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में खुले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों की प्राथमिकताओं में यह बदलाव मुख्यतः अल्पावधि के प्रदर्शन के प्रति पूर्वग्रह, परिसंपत्ति आवंटन और कमोडिटी निवेश के महत्त्व को समझने के कारण है। पिछले एक साल में आई गिरावट और अस्थिरता ने भी निवेशकों को जोखिम कम करने के लिए प्रेरित किया है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वरिष्ठ निवेश रणनीतिकार श्रीराम बीकेआर ने कहा, ‘चूंकि फ्लेक्सीकैप फंड लार्जकैप पूर्वग्रह के साथ लार्ज-, मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में तत्परता से पैसा लगाते हैं। इसलिए वे बाजार में अत्यधिक अस्थिरता के समय या अल्पावधि में उतार-चढ़ाव की आशंका के समय निवेशकों की पसंद बन जाते हैं। अगर हम सितंबर 2025 तक के 1 साल के रिटर्न को देखें तो फ्लेक्सीकैप फंडों ने मिडकैप, स्मॉलकैप और अधिकांश सेक्टर फंडों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।’
शेयर डॉट मार्केट में इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स के प्रमुख नीलेश नाइक के अनुसार शुद्ध खाता वृद्धि और स्मॉल और मिडकैप फंडों में आने वाले निवेश में गिरावट का कारण मुनाफावसूली भी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में इन योजनाओं में खुदरा निवेशकों का अच्छा-खासा निवेश हुआ है। ये निवेशक आमतौर पर किसी फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं और उनके व्यवहार संबंधी पूर्वग्रह उनके निवेश और निकासी संबंधी फैसलों में अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले कुछ महीनों में बाजार में आई तेजी को देखते हुए ऐसी श्रेणियों में खुदरा निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं।’
निवेशकों की पसंद में बदलाव शुद्ध निवेश के आंकड़ों में भी दिखाई दे रहा है। फ्लेक्सीकैप फंड 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ सबसे बड़ी इक्विटी-फंड श्रेणी बनने की राह पर हैं। इन फंडों ने लगातार तीन महीनों में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश हासिल किया और अक्टूबर में यह लगभग 9,000 करोड़ रुपये पहुंच गया। मिडकैप, स्मॉलकैप और सेक्टोरल फंडों में कुल निवेश जुलाई 2025 में 21,093 करोड़ रुपये था जो अक्टूबर में घटकर 8,649 करोड़ रुपये रह गया है।
कीमती धातुओं में तेजी के बीच गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। नाइक ने कहा, ‘गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश में बढ़ोतरी मुख्य रूप से अगस्त के मध्य से सोने और चांदी की कीमतों में आई शानदार तेजी के कारण हुई। यह रुझान न केवल भारत में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी देखा गया है।’