म्युचुअल फंड

सितंबर में Debt MF से निवेशकों ने क्यों निकाले ₹1.02 लाख करोड़? AUM 5% घटा

डेट फंड कैटेगरी में, लिक्विड फंड्स से सबसे ज्यादा 66,042 करोड़ रुपये की निकासी हुई। इसी तरह, मनी मार्केट फंड्स से 17,900 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण निकासी देखी गई

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अंशु   
Last Updated- October 22, 2025 | 5:10 PM IST

Debt MF Outflow: फिक्स्ड इनकम वाले बॉन्ड आधारित म्युचुअल फंड स्कीम्स से सितंबर महीने में 1.02 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम नेट आउटफ्लो देखने को मिला। लिक्विड और मनी मार्केट फंड्स से बड़े संस्थागत निवेशकों की निकासी इसकी प्रमुख वजह रही। म्युचुअल फंड उद्योग के निकाय एम्फी (AMFI) की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। अगस्त में इन स्कीम्स से 7,980 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई थी जबकि जुलाई में 1.07 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया था।

डेट फंड्स की 16 में से 12 से कैटेगरी से हुई निकासी

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने डेट या बॉन्ड में निवेश करने वाली 16 में से 12 म्युचुअल फंड कैटेगरी में नेट आउटफ्लो देखा गया। इनमें लिक्विड फंड्स से 66,042 करोड़ रुपये, मनी मार्केट फंड्स से 17,900 करोड़ रुपये और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंड्स से 13,606 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है।

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डेट फंड्स से क्यों हुई निकासी?

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में विश्लेषक नेहाल मेश्रराम ने कहा कि यह निकासी मुख्यतः सितंबर तिमाही के अंत की नकदी जरूरतों और अग्रिम कर भुगतान से जुड़ी संस्थागत निकासी का नतीजा है। शॉर्ट टर्म में कैश मैनेजमेंट के लिए अक्सर कॉर्पोरेट और संस्थानों द्वारा उपयोग की जाने वाली ये कैटेगरी मौसमी तरलता चक्रों के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील रहती हैं।”

क्वांटेस रिसर्च के एमडी और सीईओ कार्तिक जोनागडला ने कहा, “डेट फंड्स में मौसमी रुझान दिखा — लगभग 1.01 लाख करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो दर्ज हुआ, जिसमें लिक्विड फंड्स से 66,042 करोड़ रुपये की रिडेम्पशन प्रमुख रही। टैक्स भुगतान की वजह से 22 सितंबर के आसपास सिस्टम लिक्विडिटी घाटे में चली गई, जो आमतौर पर अक्टूबर की शुरुआत में सामान्य हो जाती है।

डेट म्युचुअल फंड्स का AUM 5% घटा

बड़े पैमाने पर निकासी होने से डेट म्युचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) सितंबर अंत तक लगभग 5 फीसदी घटकर 17.8 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो अगस्त में 18.71 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम्स में सितंबर महीने के दौरान 30,421 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो अगस्त के 33,430 करोड़ रुपये से 9 फीसदी कम है।

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लिक्विड और मनी मार्केट फंड्स पर सबसे ज्यादा असर

डेट फंड कैटेगरी में, लिक्विड फंड्स से सबसे ज्यादा 66,042 करोड़ रुपये की निकासी हुई। इसी तरह, मनी मार्केट फंड्स से 17,900 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण निकासी देखी गई। इसके अलावा, अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स से 13,606 करोड़ रुपये और लो-ड्यूरेशन फंड्स से 1,253 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई।

इसकी तुलना में, शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड्स से 2,173 करोड़ रुपये का मामूली निकासी हुई, जो दर्शाता है कि रुक-रुक कर निवेश करने वाले (accrual-oriented) कैटेगरी में निवेशक अपेक्षाकृत स्थिर रहे। नेहाल मेश्रराम ने बताया कि इसका मतलब है कि निवेशक छोटे समय वाले और सुरक्षित फंड्स में भरोसा बनाए रख रहे, भले ही तिमाही के अंत में बाजार में नकदी कम थी।

इन डेट फंड्स में निवेशकों ने डाला पैसा

इसके विपरीत, ओवरनाइट फंड्स में 4,279 करोड़ रुपये की मामूली धनराशि का निवेश हुआ, क्योंकि कुछ निवेशकों ने अन्य फंड्स से निकासी के दौरान अस्थायी रूप से पैसा इन फंड्स में रखा।

साथ ही, डायनेमिक बॉन्ड कैटेगरी में 519 करोड़ रुपये, मीडियम से लॉन्ग ड्यूरेशन फंड में 103 करोड़ रुपये और लॉन्ग ड्यूरेशन फंड में 61 करोड़ रुपये की मामूली निवेश देखा गया।

(PTI इनपुट के साथ)

First Published : October 22, 2025 | 5:01 PM IST