म्युचुअल फंड

टैक्स बदलाव से प्रासंगिकता गंवाने के बाद फिर लौटी FoF में रौनक, अगस्त में निवेश 17 महीने के हाई लेवल पर

ICICI Prudential MF के प्रमुख निवेश रणनीतिकार चिंतन हरिया ने कहा कि एफओएफ का फायदा यह है कि यह निवेशकों को एक योजना के जरिये विविधता वाला निवेश मुहैया कराता है।

Published by
अभिषेक कुमार   
Last Updated- September 17, 2024 | 9:53 PM IST

कर बदलाव के कारण अपनी प्रासंगिकता गंवाने के करीब डेढ़ साल बाद 84,000 करोड़ रुपये वाले घरेलू फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) क्षेत्र में रौनक लौटी है। इसकी वजह बजट 2024 में एक बार फिर कर ढांचे में हुआ बदलाव है। इक्विटी, डेट और कमोडिटीज समेत विभिन्न श्रेणियों की पेशकश वाली इस व्यापक श्रेणी ने पिछले दो महीने में निवेश में बढ़ोतरी देखी है।

अभी 84 देसी एफओएफ हैं। इनमें से अधिकांश ईटीएफ के फीडर फंड हैं। ये एफओएफ पूरी तरह से अपने संबंधित ईटीएफ में निवेश करते हैं। हालांकि यह क्षेत्र फंड कंपनियों को अलग-अलग तरह की पेशकश की इजाजत देता है।

जुलाई में इन योजनाओं ने 478 करोड़ रुपये संग्रहित किए जबकि अगस्त में संग्रह 1,007 करोड़ रुपये रहा। पिछले महीने मिला निवेश मार्च 2023 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। अप्रैल 2023 से जून 2024 के बीच 15 महीने की अवधि के दौरान इस श्रेणी ने 2,243 करोड़ रुपये की निकासी का सामना किया था।

विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों की दिलचस्पी लौटने के साथ ही फंड हाउस एक बार फिर एफओएफ मार्ग के जरिये विभिन्न प्रकार की योजनाएं पेश करना शुरू कर कर सकते हैं। यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में मुख्य कार्याधिकारी मधु नायर ने कहा कि एएमसी इस सेगमेंट में योजनाओं की संभावनाएं तलाश रही है।

उन्होंने कहा कि पहले एफओएफ निवेशकों के लिए आकर्षक नहीं थे। लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के लिए एफओएफ को दो साल का कर ढांचा मिल गया है। इसलिए 12.5 फीसदी के कर से ये योजनाएं भी लंबी अवधि के निवेशकों के लिए काफी अच्छी हो सकती हैं। हम समाधान वाली एफओएफ योजनाएं पेश करने का आकलन कर रहे हैं जो उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं जिनका जोखिम प्रोफाइल और निवेश समयावधि अलग-अलग है।

कम से कम एक फंड हाउस- आदित्य बिड़ला सन लाइफ -ने एफओएफ के इस्तेमाल से अपनी तरह की पहली पेशकगश के लिए नियामक की मंजूरी मांगी है। परिसंपत्ति प्रबंधक ने यील्ड में बढ़ोतरी वाले एफओएफ के लिए आवेदन किया है जो विभिन्न आर्बिट्रेज फंडों, डेट फंडों, गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ, रीट्स और इनविट्स के अलावा मनी मार्केट योजनाओं में निवेश करेगा।

मार्च 2023 में कर बदलाव से पहले ज्यादातर मल्टी ऐसेट फंड एफओएफ थे जिन्होंने विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों की योजनाओं और ईटीएफ में निवेश किया था। इसके अलावा शुद्ध इक्विटी एफओएफ भी हैं जो विभिन्न योजनाओं में निवेश करते हैं।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के प्रमुख निवेश रणनीतिकार चिंतन हरिया ने कहा कि एफओएफ का फायदा यह है कि यह निवेशकों को एक योजना के जरिये विविधता वाला निवेश मुहैया कराता है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक लक्ष्य विविधता के लिए फंड हाउस के अनुभव का फायदा उठाने और विभिन्न परिसंपत्ति वर्ग, फंड मैनेजरों और रणनीतियों तक एक ही निवेश के जरिए पहुंचने का है। फंड ऑफ फंड्स में निवेश के जरिये निवेशक अपने जोखिम को विभिन्न फंडों और मैनेजरों के बीच बांट सकते हैं जिससे संभावित तौर पर उनके रिटर्न में सुधार हो सकता है और उतार-चढ़ाव भी कम हो सकता है।

अप्रैल 2023 से एफओएफ में निवेश में सुस्ती कराधान में बदलाव का नतीजा थी। बजट 2023 में सरकार ने गैर-इक्विटी फंडों का लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर का फायदा खत्म कर दिया था। लिया था। परिणामस्वरूप गैर-इक्विटी योजनाओं से मिलने वाले सभी लाभ (एफओएफ समेत) पर निवेशकों के स्लैब के मुताबिक कर लगने लगा।

हालांकि हालिया बजट में कमोडिटी और इंटरनैशनल फंडों के साथ एफओफए को भी एलटीसीजी का फायदा दोबारा मिल गया है। अगर निवेशक दो साल से ज्यादा समय तक निवेशित रहे हों तो ऐसी योजनाओं से मिलने वाले लाभ पर वित्त वर्ष 2027 से 12.5 फीसदी कर लगेगा।

First Published : September 17, 2024 | 9:34 PM IST