facebookmetapixel
FPIs ने फिर खोला बिकवाली का सिलसिला, नवंबर में निकाले ₹12,569 करोड़Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे महंगाई डेटा और तिमाही नतीजेMCap: टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप में भारी गिरावट, Airtel-TCS सबसे ज्यादा प्रभावितथाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आय

उभरते बाजारों से कमजोर रहेगा भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन : Morgan Stanley

Last Updated- February 10, 2023 | 7:59 PM IST
market

मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) के भारतीय शोध एवं इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई ने विश्लेषकों शीला राठी और नयंत पारेख के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शेयर बाजारों का प्रदर्शन उभरते बाजारों (ईएम) के मुकाबले कमजोर बना रह सकता है। हालांकि विश्लेषकों का यह भी मानना है कि आय वृद्धि के संदर्भ में भारत का बुनियादी आधार मजबूत बना हुआ है।

मॉर्गन स्टैनली ने कहा है, ‘हम चीन, कोरिया और ताइवान जैसे अपने कुछ बड़े ईएम के लिए सुधरते हालात को देखते हुए ईएम के संदर्भ में भारत पर ‘अंडरवेट’ बने हुए हैं। हमारा मानना है कि ईएम को 2022 के मुकाबले दुनिया में आ रहे सुधार का लाभ मिल रहा है, और भारत के मूल्यांकन से पता चलता है कि उसका मौजूदा कमजोर प्रदर्शन कुछ और सप्ताह तक बरकरार रह सकता है।’

2022 में भारत के मजबूत प्रदर्शन के वक्त, तीन विश्लेषकों ने कहा था कि सरकारी नीति (घरेलू इक्विटी बचत में ढांचागत वृद्धि समेत) से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कॉरपोरेट मुनाफा भागीदारी मजबूत हुई और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा बैलेंस ऑफ पेमेंट (बीओपी) में एफडीआई भागीदारी बढ़ाई गई।

नवंबर 2022 में, मॉर्गन स्टैनली ने भारतीय बाजारों पर अपने नजरिये को दोहराते हुए कहा था कि तेजी मजबूत बनी हुई है। तब उन्होंने दिसंबर 2023 में सेंसेक्स 80,000 के स्तरों तक पहुंचने का अनुमान जताया था।

इस संदर्भ में जहां कॉरपोरेट आय वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान सालाना 25 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया गया था, मॉर्गन स्टैनली को उम्मीद थी कि भारत 2023 में वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में शुमार होगा, जिसके परिणामस्वरूप बाद के 12 महीनों में करीब 20 अरब डॉलर का पूंजी प्रवाह दर्ज किया जा सकता है।

देसाई के अनुसार बाजार के लिए एक मुख्य उत्प्रेरक कैलेंडर वर्ष 2024 में आम चुनाव होगा, जिसका असर बाजारों पर कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी छमाही से दिखना शुरू हो जाएगा।

मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दर चक्र (घरेलू और वैश्विक तौर पर), भारतीय उद्योग जगत की आय में वृद्धि, चीन में हालात सामान्य होने का असर (खासकर उत्पादन और ऊर्जा कीमतों) आदि कुछ ऐसे कारक होंगे जो बाजार की चाल तय करेंगे।

First Published - February 10, 2023 | 7:59 PM IST

संबंधित पोस्ट