मार्च तिमाही में हर मोर्चे पर बेहतर नतीजे के कारण टाटा स्टील का शेयर गुरुवार के कारोबारी सत्र में 5.6 फीसदी की उछाल के साथ बीएसई पर 1,128.80 रुपये की नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया। दिन के निचले स्तर से 8 फीसदी के सुधार के बाद यह शेयर 3 फीसदी चढ़कर 1,100.55 रुपये पर बंद हुआ जबकि अग्रणी सूचकांकों में महज 0.6-0.7 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। 25 मार्च व 5 मई के बीच मजबूत तेजी के बावजूद यह बढ़त देखने को मिली। इस अवधि में टाटा समूह की फर्मों के शेयर 48 फीसदी तक चढ़े हैं जबकि एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
बुधवार की शाम टाटा स्टील ने मार्च तिमाही में राजस्व, एबिटा और शुद्ध लाभ यानी हर मोर्चे पर अब तक के सबसे अच्छे नतीजे घोषित किए। कंपनी का एकीकृत शुद्ध मुनाफा इस अवधि में 6.644 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी ने 1,481 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया था। इस बीच, परिचालन राजस्व सालाना आधार पर 39 फीसदी की उछाल के साथ 49,977 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसे स्टील की ऊंची कीमत और मजबूत वॉल्यूम का सहारा मिला।
मजबूत नतीजे के कारण विश्लेषकों का अब मानना है कि टाटा स्टील जून तिमाही में भी बेहतर नतीजे पेश करेगी क्योंकि वैश्विक आर्थिक सुधार के बीच स्टील की कीमतें बढ़ रही हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स के बाद टाटा स्टील 50,000 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने वाली निजी क्षेत्र की तीसरी कंपनी बन गई। सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, स्टील की हाजिर कीमतें करीब 9,000 रुपये प्रति टन है, जो चौथी तिमाही के औसत से ज्यादा है, ऐसे में वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही और बेहतर होगी।
ब्रोकरेज की राय :जेफरीज
समायोजित एबिटा (कुछ निश्चित विदेशी मुद्रा और अन्य पुनर्मूल्यांकन को छोड़कर) 13,900 करोड़ रुपये रहा, जो तिमाही दर तिमाही के हिसाब से 68 फीसदी ज्यादा और अनुमान के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। स्टील की बढ़ती कीमतों के कारण ऐसा हुआ, जिसने क्रमिक आधार पर विभिन्न कारोबारों का मार्जिन बढ़ाया। इसके अलावा एकल और टाटा स्टील बीएसएल का एबिटा प्रति टन तिमाही दर तिमाही के आधार पर बढ़कर 8,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं टाटा स्टील यूरोप का मार्जिन तीसरी तिमाही के 47 डॉलर प्रति टन नकारात्मक से सुधरकर चौथी तिमाही में 66 डॉलर प्रति टन सकारात्मक हो गया।
सीएलएसए
टाटा स्टील ने अब तक का सबसे ज्यादा एकल लाभ 27,800 रुपये प्रति टन दर्ज किया, जिसे आंशिक तौर पर कंपनियों के बीच आयरन की बिक्री से मजबूती मिली। इस बीच, यूरोप का लाभ हमारे अनुमान से बेहतर 66 डॉलर प्रति टन रहा, वहीं कार्बन की लागत का असर 40 डॉलर प्रति टन रहा। हम आवर्ती व एकबारगी के खर्च के बीच अंतर और मजदूरी के मोर्चे पर होने वाले असर पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। हमें याद रखना होगा कि यूरोपीय स्प्रेड चौथी तिमाही के औसत से 240 डॉलर प्रति टन ज्यादा है, जो वित्त वर्ष 22 के लाभ के लिहाज से अच्छा है। अन्य अंतरराष्ट्रीय कारोबार में टाटा स्टील एसईए को अब जारी कारोबार के तौर पर वर्गीकृत किया गया है, जिसका चौथी तिमाही के एबिटा में 290 करोड़ रुपये का योगदान रहा।
मॉर्गन स्टैनली
टाटा स्टील यूरोप ने 1,190 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया जबकि हमारा अनुमान 1,970 करोड़ रुपये था। प्रति टन एबिटा 51 पौंड था, जो तीसरी तिमाही में 17 पौंड था। हम समझते हैं कि ज्यादा कार्बन क्रेडिट लागत का असर रहा है, जिसका एक हिस्सा शायद आवर्ती खर्च नहीं होगा। ऐसे में हम टाटा स्टील यूरोप का प्रदर्शन आगामी तिमाहियों में सुधरने की उम्मीद कर रहे हैं। टाटा स्टील ने 7,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया है और केपीओ2 (कलिंगनगर) विस्तार परियोजना भी शुरू की है। पूंजीगत खर्च वाली परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के बावजूद वह साल 2022 तक कर्ज में कम से कम 1 अरब डॉलर की कमी की उम्मीद बनाए हुए है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
प्रबंधन ने वित्त वर्ष 22 में शुद्ध कर्ज में 1 अरब डॉलर से ज्यादा की कमी की बात दोहराई है। मार्क टु मार्केट आय और पूंजीगत खर्च में तेजी के बावजूद यह छोड़ा संकीर्ण नजर आ रहा है।