धातुओं की कीमतें लगातार गिर रहीं हैं। इससे बाजार की पेशानी में बल पड़ रहे हैं। शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का धातू सूचकांक सात फीसदी गिरा जबकि इसी दिन सूचकांक चार फीसदी नीचे आया।
एक जुलाई से लेकर अब तक धातुओं का सूचकांक 33 फीसदी फिसल चुका है। इस दौरान सेंसेक्स महज तीन फीसदी ही नीचे आया। धातुओं की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इसे लेकर बाजार की पेशानी पर पड़े बल गहरे होते जा रहे हैं। एल्युमीनियम की कीमतें 16 फीसदी गिरकर 2,345 डॉलर प्रति टन हो गई हैं।
इसके साथ जस्ता और लेड की कीमतों में भी क्रमश: 15 और 8 फीसदी की गिरावट हुई। ब्लूमबर्ग के डाटा के अनुसार पिछले एक माह में हॉट रोल्ड क्वाइल की कीमतें भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 10 फीसदी गिरकर 1,006 डॉलर प्रति टन तक गिरीं।
अमेरिका और यूरोप में छाई मंदी और चीन में कम होती मांग के कारण बाजार विश्लेषकों का आकलन है कि इसकी कीमतें आगे भी दबाव में रहेंगी। शुक्रवार को टाटा स्टील का शेयर 10 फीसदी गिरा। इस दौरान वह पिछले 52 हफ्तों में अपने सबसे नीचे स्तर तक भी जा पहुंचा था। सितंबर की तिमाही में अपने लंबी अवधि के कांट्रेक्ट के कारण टाटा की शुध्द बिक्री में खासा इजाफा हो सकता है।
हालांकि ब्रोकर फर्म आईआईएफएल ने कोरस के प्रदर्शन पर चिंता जताई है। उन्हें आशंका है कि विश्व के बाजार में गिरी स्टील की कीमतों से कंपनी को मिलने वाले राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसकी वजह यह भी है कि कोरस एक इंटीग्रेटेड कंपनी नहीं है लिहाजा कंपनी की कम लाभप्रदता को देखते हुए उसके परिचालन की लागत काफी अधिक है।
जुलाई में स्टील की कीमतों में 150 डॉलर प्रति टन का इजाफा करने वाले कोरस का प्रॉफिट मार्जिन 10 फीसदी ही है जबकि टाटा स्टील का प्रॉफिट मार्जिन 49 फीसदी है। जून तिमाही में कंपनी की शुध्द बिक्री स्थिर बनी रही। एल्युमीनियम की कीमतों में हुई गिरावट का सीधा असर नेशनल एल्युमीनियम (नाल्को) पर कुछ हद तक पड़ेगा।
क्योंकि एक साल के कांट्रेक्ट और स्पॉट सेल्स में कंपनी का राजस्व मिक्स कम होता जा रहा है। जून की तिमाही नाल्को की शुध्द बिक्री एल्युमीनियम की कीमतें अधिक होने के कारण 26 फीसदी बढ़कर 1,165 करोड़ रुपये हो गई थी। कंपनी के शेयर का दाम शुक्रवार को 5.5 फीसदी गिरे।
394 रुपये की वर्तमान कीमत पर टाटा स्टील का शेयर वित्तीय वर्ष 2009 की परिकलित आय के मुकाबले ढाई गुने पर कारोबार कर रहा है जबकि जेएसडब्ल्यू का शेयर 4 गुना अधिक है। 349 रुपये की कीमत पर नाल्को का शेयर वित्तीय वर्ष 2009 की परिकलित आय की तुलना में 10 गुने पर कारोबार कर रहा है, जबकि हिंडाल्को का शेयर 7.5 गुने पर।