पिछले तिमाही में अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट बाजार (एआईएम) में आईपीओ और फंडों की लिस्टिंग में कमी आई है। लंदन शेयर बाजार (एलएसई) के प्रवक्ता के अनुसार पिछली तिमाही में एआईएम में लिस्ट होने वाली कंपनियों की संख्या में कमी आई है।
इसके लिए बाजार की असामान्य स्थिति जिम्मेदार है जिसका सामना आज दुनियाभर के बाजार कर रहे हैं। एलएसई के अनुसार आईपीओ ला रहीं कंपनियों को बाजार के सुधरने का इंतजार है। ट्रांजेक्शन एडवाइजरी सेवा ग्रांथ थोर्टन के पार्टनर महादेवन नारायणमोनी ने बताया कि एआईएम में सूचीबध्द होने के लिए केवल पांच या छह इंक्वायरी हैं। यह कंपनियां भी अगले आठ से नौ माह में लिस्ट होने वाली है।
जनवरी के बाद लिस्ट आईपीओ और फंडों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। व्हाईल ग्रेट ईस्ट एनर्जी के ग्जीडीआर का प्रदर्शन ही बेहतर रहा जिसके शेयर 73 फीसदी चढ़े हैं। वेस्टर्न प्रॉपर्टीज का प्रदर्शन सबसे खराब रहा जिसके शेयर इस दौरान 42 फीसदी नीचे गिरे। अपने प्रोजेक्टों के लिए एआईएम के माध्यम से धन जुटाने की इच्छा रखने वाली रियल एस्टेट कंपनियों का भी यहां पर मुह की खानी पड़ी है।
यूनीटेक, हीरानंदानी के हिरको व नया भारत प्रॉपर्टी आदि सभी शेयर 65 फीसदी गिरे हैं। हिरको के शेयर तो सबसे अधिक 67 फीसदी नीचे आए। हीरानंदानी कंस्ट्रक्शन के प्रबंधन निदेशक और दिसंबर 2006 में इस बाजार से 52 करोड़ डॉलर जुटाने वाली हिरको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि यह गिरावट निवेशकों का रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए निवेशकों का रुख बताती है। एआईएम एक ऐसा बाजार है जहां छोटी कंपनियां अपने प्रोजेक्टों के लिए धन जुटाकर अपनी साख को बनाए रखती हैं।
नारायणमोनी ने बताया कि शेयर बाजार से उलट एआईएम में दर्ज कंपनियां भले ही छोटी रहीं हों, लेकिन उन्होंने अच्छी खासी वृध्दि हासिल की है। इसमें 25-30 निवेशक कंपनी के नियमित संपर्क में रहने के लिए उसकी मदद करते हैं। इसलिए बिक्री का दबाव और तरलता संकट जैसे कारक एआईएम पर इतना असर नहीं डालते।
यहां दर्ज होने के बाद कई कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबध्द हो जाती हैं। ग्रेट इंडियन एनर्जी ऐसी ही एक कंपनी है जो एआईएम में 2005 से सूचीबध्द है। अगस्त में उसने भारतीय बाजार में सूचीबध्द होने की इच्छा व्यक्त की थी। इस समय एआईएम लंदन में लिस्ट होने ब्रिटेन के बाहर के देशों में भारत का पांचवे नंबर पर है।
उसकी कंपनियों का यहां मार्केट कैपिटेलाइजेशन 3.2 अरब डॉलर है। रूस इस लिहाज से अव्वल है। उसका मार्केट कैपिटेलाइजेशन 10.94 अरब डॉलर है। इसके बाद अमेरिका (10.8 अरब डॉलर) और पश्चिमी यूरोप (7.83 अरब डॉलर) का स्थान है।
एआईएम में अग्रणी मार्केटकैप वाले देश
अरब डॉलर में
रूस 10.94
अमेरिका 10.80
पश्चिमी यूरोप 7.83
चीन 5.94
अफ्रीका 5.94
भारत 4.32
कनाडा 4.19
ऑस्ट्रेलिया 3.38
एसई अफ्रीका 3.38
लेटिन अमेरिका 2.70