स्मॉलकैप फंड मार्च में अपने नकदी के हालात सुधारने में कामयाब रहे हैं। शनिवार तक जारी एक दर्जन से ज्यादा स्मॉलकैप फंडों की स्ट्रेस टेस्ट के दूसरे दौर की रिपोर्ट से पता चलता है कि अपने पोर्टफोलियो के 50 फीसदी हिस्से को नकदी में तब्दील करने के लिए उन्हें औसतन 13.5 दिनों की दरकार होगी। फरवरी में यह 14.3 दिन थी।
स्मॉलकैप के शेयरों में गिरावट और इन योजनाओं से निकासी के बीच ये सुधार देखे गए हैं। इस अवधि में उनकी नकदी 5.9 फीसदी से मामूली घटकर 5.5 फीसदी रह गई। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्मॉलकैप फंड के मामले में नकदी का स्तर सबसे ज्यादा घटा जो 9.9 फीसदी से घटकर 6 फीसदी रह गया।
शेयर बाजार अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब है और कारोबारियों में इस बात को लेकर असमंजस है कि वे गिरावट में खरीदारी करें या तेजी के समय बिकवाली। हालांकि हालिया बाधाओं मसलन अमेरिकी महंगाई में बढ़ोतरी, बॉन्ड यील्ड में तेजी और भूराजनीतिक तनाव को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि सतर्क रुख अख्तियार करना सही रणनीति होगी।
ऐंजल वन के तकनीकी विश्लेषक राजेश भोंसले ने कहा कि ट्रेडरों को उच्चस्तर पर खरीदारी के मौके के पीछे नहीं भागना चाहिए और उछाल के दौर में मुनाफावसूली पर विचार करना चाहिए। हालांकि निफ्टी के लिए 22,700 से 22,800 प्रतिरोध का अहम स्तर है। बेंचमार्क एनएसई निफ्टी का आखिरी बंद स्तर 22,519 है। भोंसले ने कहा कि इंडेक्स के लिए 22,500-22,450 अहम स्तर है और इससे नीचे आने पर इंडेक्स 22,300 का रुख कर सकता है।
जटिल चुनौतियों मसलन उसी दिन निपटान, यूपीआई से जुड़ी ब्लॉक सुविधा और ब्लॉकचेन आधारित निगरानी कार्यक्रमों को पूरा करने पर मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस (एमआईआई) को पुरस्कृत किया गया है। हाल में बाजार नियामक सेबी ने नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी, बीएसई और अन्य एमआईआई को नवोन्मेषी तकनीकी विकास और निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के लिए पुरस्कृत किया है।
सीमित शेयरों के मामले में वैकल्पिक आधार पर भारत उसी दिन खाते में शेयर या नकदी यानी टी प्लस जीरो सेटलमेंट साइकल की ओर बढ़ गया है। इस साल द्वितीयक बाजार के लिए ब्लॉक मैकेनिज्म भी वीटा वर्जन के रूप में उतारा गया। हाल में एक कार्यक्रम में सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा था कि हमारे लिए समस्या का समाधान प्याज छीलने जैसा है। यह हर किसी को रुलाता है लेकिन जब आप काम पूरा कर लेते हैं तो अचानक आपको अहसास होता है कि कोई भी समस्या नहीं बची है।