facebookmetapixel
भारत और EU पर अमेरिका की नाराजगी, 2026 तक लटक सकता है ट्रेड डील का मामलाIndiGo यात्रियों को देगा मुआवजा, 26 दिसंबर से शुरू होगा भुगतानटेस्ला के सीईओ Elon Musk की करोड़ों की जीत, डेलावेयर कोर्ट ने बहाल किया 55 बिलियन डॉलर का पैकेजत्योहारी सीजन में दोपहिया वाहनों की बिक्री चमकी, ग्रामीण बाजार ने बढ़ाई रफ्तारGlobalLogic का एआई प्रयोग सफल, 50% पीओसी सीधे उत्पादन मेंसर्ट-इन ने चेताया: iOS और iPadOS में फंसी खतरनाक बग, डेटा और प्राइवेसी जोखिम मेंश्रम कानूनों के पालन में मदद के लिए सरकार लाएगी गाइडबुकभारत-ओमान CEPA में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पर होगी अहम बातचीतईयू के लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए बेल्जियम जाएंगे पीयूष गोयलअनुकूल महंगाई दर ने खोला ब्याज दर कटौती का रास्ता: RBI गवर्नर

बाजार हलचल: आठ सप्ताह की तेजी, निफ्टी का दमखम जारी; अगर ये हो गया तो 2010 के बाद बनेगा एक नया रिकॉर्ड

विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत ‘गिरावट में खरीद का रुझान’ यह दर्शाता है कि कोई भी पुलबैक लॉन्ग पोजीशन बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है।

Last Updated- July 28, 2024 | 9:58 PM IST
FII in India

Stock Market: शुक्रवार को मजबूत तेजी की वजह से निफ्टी-50 सूचकांक लगातार आठवें सप्ताह तेजी दर्ज करने में सफल रहा। यह जनवरी 2018 के बाद इसकी सबसे लंबी साप्ताहिक बढ़त है। 27 मई से शुरू इन आठ सप्ताहों के दौरान निफ्टी-50 सूचकांक 2,304 अंक या 10.2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा है। यदि निफ्टी एक और सप्ताह बढ़त बनाए रखता है तो वह मार्च 2010 के बाद से अपनी सबसे लंबी साप्ताहिक तेजी का रिकॉर्ड बना लेगा।

हालांकि बाजार अत्यधिक ‘ओवरबॉट’ जोन में है जिससे इसकी संभावना कम है लेकिन यह असंभव भी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत ‘गिरावट में खरीद का रुझान’ यह दर्शाता है कि कोई भी पुलबैक लॉन्ग पोजीशन बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है। गिरावट की सूरत में कारोबारियों को लॉन्ग पोजीशन बनाने के लिए 24,500-24,400 के दायरे पर नजर रखनी चाहिए। शुक्रवार को निफ्टी 24,835 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।

इंट्राडे कारोबारियों को नुकसान होने वाले अध्ययन से चिंता बढ़ी

पिछले सप्ताह बाजार नियामक सेबी के अध्ययन ने सभी का ध्यान खींचा। अध्ययन से पता चला कि 71 प्रतिशत इंट्राडे कारोबारियों को घाटा हो रहा है। हालांकि ट्रेडिंग की ऊंची लागत से संबंधित एक महत्वपूर्ण डेटा बिंदु ज्यादा ध्यान खींचने में विफल रहा।

मुनाफे पर दबाव डालने वाले मुख्य कारकों में से एक है कारोबार की ऊंची लागत, जिसमें ब्रोकरेज फीस, एक्सचेंज फीस, सेबी टर्नओवर फीस, स्टांप ड्यूटी, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और जीएसटी शामिल हैं। इसमें अल्पावधि और दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर शामिल नहीं है।

अध्ययन में कहा गया, ‘वित्त वर्ष 2023 में नुकसान उठाने वाले कारोबारियों का नुकसान ट्रेडिंग लागत के कारण 57 प्रतिशत तक बढ़ गया। लाभ कमाने वालों को वित्त वर्ष 2023 में अपने ट्रेडिंग मुनाफे का 19 प्रतिशत ट्रेडिंग लागत पर खर्च करना पड़ा।’ एसटीटी बढ़ने और ब्रोकरेज शुल्क में इजाफे होने की संभावना से यह लागत और बढ़ सकती है।

एकम्स ड्रग्स ऐंड फार्मास्युटिकल के आईपीओ पर 25 प्रतिशत प्रीमियम

एकम्स ड्रग्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स का शेयर अपने आईपीओ से पहले ग्रे बाजार में 25 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट निर्माता का शेयर 646-679 रुपये के अपने कीमत दायरे के मुकाबले 850 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कंपनी के आईपीओ में 680 करोड़ रुपये की ताजा धन जुटाना और 1,177 करोड़ रुपये की सेकंडरी शेयर बिक्री शामिल है। इसका कुल निर्गम आकार 1,857 करोड़ रुपये है।

आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से कर्ज चुकाने में किया जाएगा। हिस्सेदारी घटने के बाद एकम्स ड्रग्स का मूल्यांकन 10,687 करोड़ रुपये रह जाएगा। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने परिचालन से 4,178 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो एक साल पहले के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि है।

First Published - July 28, 2024 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट