बेंचमार्क निफ्टी (Nifty) में पिछले एक महीने में 11 फीसदी की उछाल दर्ज हुई। कारण कि निवेशकों ने चुनाव नतीजों के दिन मिली निराशा से आगे देखा और उम्मीद लगाई कि नई गठबंधन सरकार आर्थिक वृद्धि आगे ले जाने के लिए नीतियां बनाने में सक्षम बनी रहेगी। 70,234 के निचले स्तर तक टूटने के बाद सेंसेक्स (Sensex) ने पिछले एक महीने में करीब 10,000 अंक जोड़े।
खुद के दम पर 272 के बहुमत के आंकड़ों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दूर रहने के बाद 4 जून से निफ्टी 50 इंडेक्स में 11.2 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इस बीच, व्यापक बाजार के निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 16 फीसदी व 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मारुति सुजूकी इंडिया को छोड़कर निफ्टी-50 के सभी शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। श्रीराम फाइनैंस (27 फीसदी चढ़ा), विप्रो (22 फीसदी) और ओएनजीसी (22 फीसदी) सबसे ज्यादा चढ़े।
निफ्टी 500 में सबसे अधिक बढ़त वालों की सूची में सार्वजनिक उपक्रम (PSU) का दबदबा रहा। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर 4 जून के बाद इस उम्मीद में दोगुने से ज्यादा हो गए कि सरकार रक्षा पर खर्च बढ़ाएगी और घरेलू उत्पादन में वृद्धि करेगी। नुकसान वाले शेयरों में आरएचआई मैग्नेसिटा इंडिया, बीएसई और मेडप्लस हेल्थ सर्विसेज शामिल हैं।