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पीएसयू शेयरों पर उत्साहित बने हुए हैं बाजार के विश्लेषक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:07 AM IST

विश्लेषक खासकर विनिवेश से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएयू) के शेयरों पर उत्साहित बने हुए हैं। उन्होंने निवेशकों मौजूदा स्तरों पर मध्यावधि से दीर्घावधि परिवेश के नजरिये से इन शेयरों को खरीदने की सलाह दी है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम का कहना है, ‘ऐसे कई पीएसयू शेयर हैं जो बाजार की तेजी से दूर रहे हैं। उनमें पीक स्तरों से गिरावट मध्यावधि से दीर्घावधि नजरिये से खरीदारी का अच्छा अवसर है। मुझे विश्वास है कि सरकार वित्त वर्ष 2022 का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होगी। कोविड की दूसरी लहर की वजह से वह कुछ राहत उपायों पर जोर दे सकती है, जिससे खर्च बढ़ेगा। ऐसी पहलों के वित्त पोषण के लिए बाजार हालात सुधरने पर विनिवेश पर जोर दिया जाएगा।’
अप्रैल में सरकार ने कहा कि एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) के विनिवेश के लिए समय-सीमा कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से दो-तीन महीने तक आगे बढ़ाई जा सकती है। इससे दो कंपनियों की बिक्री की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2022 तक पूरी होने और इस वित्त वर्ष के दौरान 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का मानना है कि सरकार-संचालित उद्यमों में हिस्सेदारी बिक्री सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, खासकर मौजूदा महामारी के दौर में यह कार्य आसान नहीं होगा, क्योंकि बाजार धारणा प्रभावित हुई है। हालांकि उन्हें इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में यह संभव होने की उम्मीद है क्योंकि तब तक अर्थव्यवस्था तेज टीकाकरण के साथ कोविड महामारी के संकट से उबरने लगेगी।
उनका कहना है, ‘सरकार को बालको जैसी कंपनियों में विनिवेश पर जोर देना चाहिए, जिनमें विनिवेश अपेक्षाकृत एयर इंउिया और बीपीसीएल जैसी बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा आसान है। इससे विनिवेश प्रक्रिया को लेकर निवेशकों के दिमाग में सकारात्मक धारणा भी विकसित होगी। कई पीएसयू आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं जिससे निवेशक उन्हें मध्यावधि-दीर्घावधि नजरिये से खरीद सकते हैं। वे विनिवेश प्रक्रिया तेज होने की स्थिति में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।’
रिपोर्टों में कहा गया है कि एयर इंडिया और बीपीसीएल के अलावा, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर), बीईएमएल, पवन हंस, और नीलांचल इस्पात निगम सार्वजनिक क्षेत्र की ऐसी अन्य कंपनियां हैं जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी घटाने की संभावना तलाश सकती है।
बीएनपी पारिबा में एशिया पैसीफिक इक्विटी रिसर्च के प्रमुख मनीषी रायचौधरी ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दी और कहा कि वित्त वर्ष 2022 में सरकार का 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य आशाजनक लग रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में वित्त वर्ष की दूसरी छमाही तक विलंब हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘प्रमुख पीएसयू कंपनियों के लिए, शेयर कीमतें किसी सौदा संबंधित  तेजी को नहीं दर्शा रही हैं। इस पृष्ठभूमि को देखते हुए विनिवेश में विलंब से पीएसयू शेयरों को अल्पावधि में कमजोर प्रदर्शन करना पड़ सकता है, लेकिन उनके आकर्षक मूल्यांकन और चक्रीयता आधारित आय सुधार से मध्यावधि में शेयर कीमतों को मदद मिल सकती है।’
विश्लेषकों का कहना है कि बीपीसीएल ऐसा शेयर है जिसमें विनिवेश प्रक्रिया तेज होने की स्थिति में उसकी परिचालन क्षमता और मजबूत परिसंपत्तियों (भूमि बैंक समेत) को देखते हुए रेटिंग में सुंधार की संभावना बरकरार है।
 

First Published : May 6, 2021 | 12:08 AM IST