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दक्षिण-पूर्व एशिया में राजनीतिक उथल-पुथल अब निवेश के माहौल को सीधे प्रभावित कर रही है। हालात ऐसे हैं कि जहां इंडोनेशिया से विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं, वहीं थाईलैंड का शेयर बाजार उनके लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
इंडोनेशिया के शेयर बाजार से सितंबर में अब तक 653 मिलियन डॉलर (करीब ₹5,400 करोड़) का विदेशी निवेश बाहर जा चुका है। यह अप्रैल के बाद से सबसे बड़ा निकासी दौर है।
वजह: राजधानी में हिंसक प्रदर्शन और अचानक वित्त मंत्री की बदली।
असर: निवेशकों का भरोसा डगमगा गया और बाजार से तेजी से पैसा निकला।
लंबे समय से सुस्त चल रहे थाईलैंड के शेयर बाजार में अब तेजी की उम्मीदें बढ़ी हैं।
Aberdeen Investments, Gama Asset Management और Valverde Investment Partners जैसे ग्लोबल निवेश फंड्स का मानना है कि थाईलैंड अभी इंडोनेशिया से बेहतर विकल्प है।
विदेशी फंड्स का लंबे समय से जारी बहिर्गमन अब लगभग थम गया है।
यह बदलाव दिखाता है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में निवेश का माहौल राजनीतिक घटनाओं से कितना प्रभावित होता है।
थाईलैंड: कई सालों से राजनीतिक अस्थिरता और बार-बार सरकार बदलने से परेशान।
इंडोनेशिया: अब तक स्थिर माना जाता था, लेकिन हाल की घटनाओं ने स्थिति बदल दी है।
एशियाई बाजारों में थाईलैंड एक बार फिर निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। Aberdeen Investments के फंड मैनेजर शिन-याओ नग ने कहा कि थाईलैंड नीचे से निकलकर स्थिरता की ओर बढ़ रहा है, जबकि इंडोनेशिया की हालत “बुरे से और बदतर” होती जा रही है। इसी वजह से वे थाईलैंड में निवेश बढ़ा रहे हैं और इंडोनेशिया में हिस्सेदारी घटा रहे हैं।
थाईलैंड में राजनीतिक बदलाव ने निवेशकों का मूड बेहतर किया है। नए प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने पद संभाला है। वे उपभोग बढ़ाने के लिए कोविड-काल के सह-भुगतान (Co-payment) सब्सिडी प्रोग्राम को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।
थाई मुद्रा बाट (Baht) सितंबर में डॉलर के मुकाबले करीब 2% मजबूत हुई है। यह इस महीने एशिया की सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली करेंसी रही।
स्टॉक मार्केट का SET इंडेक्स इस महीने 4% से ज्यादा चढ़कर सात महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया।
अगस्त में विदेशी निवेशकों ने 670 मिलियन डॉलर के थाई शेयर बेचे थे, लेकिन सितंबर में अब तक सिर्फ 21 मिलियन डॉलर की सेलिंग हुई है।
Merchant Partners Asset Management के मैनेजिंग डायरेक्टर प्राकित सिरीवत्तनाकेज का अनुमान है कि बेहतर माहौल से SET इंडेक्स इस साल के अंत तक 1,340 अंक तक पहुंच सकता है। विदेशी निवेश से बाट को भी सपोर्ट मिलेगा।
Valverde Investment Partners के संस्थापक जॉन फू के मुताबिक, थाईलैंड की मजबूत वित्तीय स्थिति उसे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने की क्षमता देती है। हाल के समय में भारी बिकवाली के बाद थाई शेयरों का वैल्यूएशन निवेशकों के लिए आकर्षक है।
उन्होंने कहा, “यह थाईलैंड में निवेश बढ़ाने का सही मौका है, क्योंकि राजनीतिक और आर्थिक माहौल दोनों ही बेहतर हो रहे हैं।”
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबिआंतो ने अचानक वित्त मंत्री श्री मुल्यानी इंद्रावती को हटाकर उनकी जगह पुर्बाया युधि सादेवा को नियुक्त कर दिया। इस फैसले ने निवेशकों को हिला दिया है। इंद्रावती को दुनियाभर के निवेशकों के बीच एक भरोसेमंद और अनुशासित नीति-निर्माता माना जाता था, जबकि उनके उत्तराधिकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा जाने-पहचाने नहीं हैं।
Federated Hermes के पोर्टफोलियो मैनेजर जेसन डीवीटो ने कहा, “इंडोनेशिया इस समय आर्थिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। श्री इंद्रावती ने देश की फिस्कल डिसिप्लिन (राजकोषीय अनुशासन) की छवि बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, और उनके हटने से निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ेगी।”
सरकार ने बैंकों में कर्ज और विकास को बढ़ावा देने के लिए लगभग 200 ट्रिलियन रुपिया (करीब 12 अरब डॉलर) डालने की घोषणा की है। यह राशि पिछले वर्षों में बचाए गए 400 ट्रिलियन रुपिया के नकद भंडार से निकाली जाएगी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम केवल अल्पकालिक राहत देगा।
राष्ट्रपति प्राबोवो पहले से ही पॉपुलिस्ट योजनाएं, जैसे फ्री स्कूल लंच प्रोग्राम, चला रहे हैं। ऐसे फैसलों को लेकर राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंता लंबे समय से बनी हुई थी।
इंडोनेशिया के बॉन्ड मार्केट में चिंता साफ दिख रही है। दो और 10 साल के बॉन्ड यील्ड में अंतर पिछले दो सालों के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया है। वहीं रुपिया की गिरावट जारी है और इस साल अब तक यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.5% से ज्यादा टूट चुका है। एशिया में यह भारतीय रुपये के बाद सबसे कमजोर करेंसी बन गई है।
पुर्बाया निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर बैंकों को और पूंजी दी जाएगी। साथ ही केंद्रीय बैंक ने भी विकास को सहारा देने के लिए Burden Sharing Agreement लागू किया है।
फिर भी विदेशी निवेशक आश्वस्त नहीं हैं। Aberdeen के एनजी ने कहा, “इंडोनेशिया सरकार को अभी खुद को साबित करना होगा। हम फिलहाल थाईलैंड जैसे बाजारों पर दांव लगा रहे हैं और चीन, कोरिया व ताइवान से मुनाफा निकालकर वहां निवेश कर रहे हैं।”