लोक सभा 2024 चुनाव नतीजे आने से कुछ दिन पहले रिटेल निवेशक डेरिवेटिव बाजारों पर बड़ा दांव लगाते दिख रहे हैं। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने 27 मई तक (4 जून को मतों की गणना से पांच दिन पहले) इंडेक्स वायदा में 52.79 प्रतिशत लॉन्ग पोजीशन ले रखी हैं।
बाजार शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं। दूसरी तरफ, एफऐंडओ सेगमेंट में उनकी लॉन्ग पोजीशन 89.72 प्रतिशत है जो 2014 के बाद से चुनाव परिणामों से पांच दिन पहले का सबसे ऊंचा स्तर है। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने आम चुनाव में पहली बार सत्ता हासिल की थी।
इसके विपरीत 2014 में इंडेक्स फ्यूचर्स में रिटेल निवेशकों की शुद्ध लॉन्ग पोजीशन 35.8 प्रतिशत पर काफी कम थी जबकि शेयर वायदा के मामले में लॉन्ग 79.2 प्रतिशत (मौजूदा की तुलना में) थीं। 2019 के चुनाव परिणामों से पांच दिन पहले इंडेक्स और शेयर वायदा में उनकी शुद्ध लॉन्ग पोजीशन 48.8 प्रतिशत और 79.5 प्रतिशत थीं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ डेरिवेटिव विश्लेषक नंदीश शाह का कहना है कि हालांकि रिटेल निवेशकों ने अपनी लॉन्ग पोजीशन पिछले 10 दिन में 50 प्रतिशत तक घटाई है, लेकिन वे बाजारों पर शुद्ध रूप से लॉन्ग बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘राजग की सरकार नहीं बने, इसकी संभावना बहुत कम है।
भले ही इंडिया वीआईएक्स बढ़कर अब अप्रैल 2024 के 10.3 की तुलना में 26 के स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन यह अभी भी 2019 में दर्ज किए गए 35 की तुलना में काफी नीचे है। इसका मतलब रिटेल निवेशक पुट खरीद कर अपनी पोजीशन सुरक्षित बना सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुनाफावसूली शुरू हो जाएगी। निफ्टी-50 सूचकांक 3-4 फीसदी तक फिसल सकता है।’
आमतौर पर, निवेशक ‘पुट ऑप्शन’ रणनीति का उपयोग बचाव के रूप में करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी अंतरनिहित परिसंपत्ति में घाटा एक निश्चित राशि से अधिक न हो। जहां तेजी की मौजूदा धारणा मुख्य तौर पर इस तथ्य से जुड़ी है कि बाजार को राजग के फिर से सत्ता में लौटने की उम्मीद है। इसी बढ़े हुए मनोबल के कारण इस सप्ताह के शुरू में सेंसेक्स 76,000 के आंकड़े को पार कर गया।
हालांकि सीटों/जीत के अंतर को लेकर अभी भी बहस की जा सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि डेरिवेटिव बाजारों में खुदरा भागीदारी में भी पिछले 10 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। उनका मानना है कि इसका असर एफऐंडओ सेगमेंट में शुद्ध लॉन्ग पोजीशन में भी दिखता है।
एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि रिटेल इंडेक्स लॉन्ग पोजीशन 27 मई, 2024 (वोचों की गिनती से पांच दिन पहले) को 3.13 लाख अनुबंध पर थी जबकि 2019 और 2014 में यह आंकड़ा 1.92 लाख अनुबंध और 1.99 लाख अनुबंध था।
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इंडेक्स फ्यूचर्स में अपनी शॉर्ट पोजीशन पिछले दो सप्ताह में 73.8 प्रतिशत से घटाकर 48.2 प्रतिशत कर ली हैं। आंकड़ों के अनुसार एफआईआई इंडेक्स फ्यूचर्स लॉन्ग-शॉर्ट अनुपात भी 27 मई 2024 को 0.38 से सुधरकर 1.08 हो गया।
मोतीलाल ओसवाल में टेक्नीकल ऐंड डेरिवेटिव रिसर्च के प्रमुख चंदन तापड़िया ने रिटेल निवेशकों को सुझाव दिया है कि उनको अपने लॉन्ग पोर्टफोलियो के 1 प्रतिशत के बराबर ओटीएम (आउट ऑफ द मनी) पुट खरीदकर इंडेक्स लॉन्ग पोजीशन सुरक्षित बनानी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि चुनाव नतीजे आने के बाद निफ्टी 23,500 के स्तर को छुएगा।