लार्जकैप फोकस्ड इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) श्रेणी की अधिकतर योजनाओं ने पिछले एक साल के दौरान बाजार में तेजी के बावजूद बेंचमार्क सेंसेक्स के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन दर्ज किया। ऐसी 35 योजनाओं में से महज 9 योजनाएं ही अल्फा सृजित करने में सफल रहीं। अल्फा शब्द का उपयोग बाजार को मात देने संबंधी फंड मैनेजर की क्षमता को दर्शाने के लिए किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि लार्जकैप फंडों के प्रदर्शन को किससे झटका लगा? तो इसका जवाब है वित्तीय शेयरों का कामजोर प्रदर्शन। पारंपरिक तौर पर लार्जकैप श्रेणी की अधिकतर योजनाएं वित्तीय शेयरों पर भारी रही हैं। पिछले एक साल के दौरान बीएसई फाइनैंस महज 11.2 फीसदी रिटर्न के साथ सेंसेक्स के मुकाबले काफी कमजोर प्रदर्शन किया।
ऐक्सिस एमएफ के वरिष्ठ फंड मैनेजर (इक्विटी) श्रेयस देवल्कर ने कहा, ‘पिछले एक साल के दौरान आप देख सकते हैं कि फाइनैंशियल्स (जो सूचकांक का एक बड़ा हिस्सा है) ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। इसके अलावा कमोडिटी एवं आईटी जैसे क्षेत्रों और व्यक्तिगत क्षेत्रों में कुछ नाम ऐसे हैं जो पिछले दो-तीन साल से पिछड़ गए थे लेकिन पिछले साल उनका प्रदर्शन दमदार रहा। इसलिए फाइनैंशियल्स के मुकाबले ओवरवेट और बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुछ क्षेत्रों के मुकाबले अंडरवेट के कारण प्रदर्शन कमजोर रहा।’
सेंसेक्स में वित्तीय शेयरों की हिस्सेदारी करीब 44 फीसदी है। इस लिहाज से प्रौद्योगिकी शेयर दूसरे और ऊर्जा शेयर तीसरे पायदान पर हैं। यदि आप शीर्ष 100 शेयरों (लार्जकैप योजनाओं के लिए निवेश गंतव्य) के एक साल के रिटर्न का विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि शीर्ष 40 में एक भी वित्तीय शेयर मौजूद नहीं है। एचडीएफसी बैंक एक वर्ष के लिए 25.5 फीसदी रिटर्न के साथ बीएसई 100 में 46वें पायदान पर है। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयरों की सूची में अदाणी ग्रीन, टाटा मोटर्स और सिप्ला जैसे शेयरों का वर्चस्व है। अदाणी ग्रीन में म्युचुअल फंडों का निवेश पिछले एक साल के दौरान लगभग 6 गुना बढ़ गया है लेकिन उसकी मात्रा नगण्य है। अदाणी पोट्र्स के मामले में भी लगभग यही स्थिति है जहां 79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
किसी भी म्युचुअल फंड योजना के प्रदर्शन को आंकने के लिए एक साल महज एक छोटी अवधि है। हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि कई लार्जकैप योजनाओं ने अल्फा सृजित करने में लंबी अवधि जैसे तीन साल या पांच साल का भी समय लिया है। परिणामस्वरूप वित्तीय योजनाकार निवेशकों को कम लागत वाले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) अथवा इंडेक्स फंड की ओर रुख करने की सलाह दे रहे हैं जो बेंचमार्क सूचकांक के बराबर रिटर्न देते हैं। प्राइम इन्वेस्टर के सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा, ‘यदि निवेशकों ने विविध फंडों और फ्लेक्सी-कैप श्रेणी में निवेश किया है तो वे लार्जकैप फंड में निवेश करना छोड़ सकते हैं।’
नतीजतन, वित्तीय नियोजक निवेशकों को कम लागत वाले एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या इंडेक्स फंड की ओर बढऩे की सलाह दे रहे हैं, जो बेंचमार्क की वापसी करते हैं। उद्योग के प्रतिभागियों का कहना है कि सक्रिय फंड मैनेजर उतार-चढ़ाव के दौरान बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।