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Groww IPO: प​ब्लिक ऑफर से 1 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य, सेबी के पास जमा कराए डॉक्यूमेंट; चेक करें डीटेल

Groww IPO: कंपनी आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल प्रौद्योगिकी विकास एवं कारोबार विस्तार में निवेश के लिए करने की योजना बना रही है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 26, 2025 | 3:26 PM IST

Groww IPO: स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो की पेरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं। आईपीओ का अनुमानित आकार 70 करोड़ डॉलर से 1 अरब डॉलर के बीच हो सकता है। इसमें प​ब्लिक ऑफर में फ्रेश इश्यू और ऑफर फार सेल (OFS) दोनों होगा।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने सोमवार को बताया कि ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कंपनी ने कॉ​न्फिडेंशल रूट से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए। मामले से जुड़े लोगों ने पीटीआई को बताया कि कंपनी को पीक XV, टाइगर कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है।

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Groww IPO: कहां इस्तेमाल होगी रकम

कंपनी आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल प्रौद्योगिकी विकास एवं कारोबार विस्तार में निवेश के लिए करने की योजना बना रही है। इस इश्यू का प्रबंधन करने के लिए ग्रो ने जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज लिमिटेड को नियुक्त किया है।

ग्रो की स्थापना 2016 में की गई थी। यह वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला रिटेल ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म बन गई, जिसके पास मार्च 2025 तक 26 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी थी। FY25 के दौरान, ग्रो ने 34 लाख नए अकाउंट जोड़े, जिससे इसका ए​क्टिव कस्टमर बेस मार्च 2024 में 95 लाख से बढ़कर मार्च 2025 में 1.29 करोड़ हो गया। जो साल-दर-साल 36 फीसदी की ग्रोथ है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक, इसी अवधि में इसकी बाजार हिस्सेदारी भी 23.28 फीसदी से बढ़कर 26.26 फीसदी हो गई।

Groww: FY23 में मुनाफे में आई कंपनी

Groww वित्त वर्ष 2023 में मुनाफ़े में आ गया, जिसने 449 करोड़ रुपये का मुनाफा और 1,277 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। वित्त वर्ष 24 में भी यह रफ्तार जारी रही, जिसमें 535 करोड़ रुपये का परिचालन मुनाफा और 3,145 करोड़ रुपये का राजस्व रहा, जो लगातार मजबूत बिजनेस परफॉर्मेंस संकेत देता है। हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में 805 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जिसका मुख्य कारण भारत में अपने डोमिसाइल बदलाव से संबंधित 1,340 करोड़ रुपये का एकमुश्त टैक्स पेमेंट था।

बता दें, कॉ​न्फिडेंशल रूट कंपनियों को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी देता है और जल्दी प​ब्लिक होने का दबाव कम करता है। ट्रेडिशनल रूट के विपरीत, जिसके लिए कंपनियों को सेबी की मंजूरी मिलने के 12 महीनों के भीतर अपना आईपीओ लॉन्च करना होता है, प्री-फाइलिंग रूट फाइनल कमेंट मिलने के बाद इस विंडो को 18 महीनों तक बढ़ा देता है। इसके अलावा, फर्म अपडेटेड डीआरएचपी फेज तक आईपीओ साइज को 50 फीसदी तक रिवाइज कर सकती हैं।

First Published : May 26, 2025 | 3:11 PM IST