प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
टाटा ग्रुप की वित्तीय कंपनी टाटा कैपिटल देश का सबसे बड़ा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) IPO लाने जा रही है। इस ऑफर का वैल्यूएशन 1.38 लाख करोड़ रुपये है। IPO से कंपनी 15,512 करोड़ रुपये जुटाएगी और इसके बाद टाटा कैपिटल भारत की पांचवीं सबसे मूल्यवान NBFC बन जाएगी।
यह IPO भारत के शेयर बाजार के इतिहास का चौथा सबसे बड़ा इश्यू होगा। शेयर की कीमत 310 से 326 रुपये प्रति शेयर तय की गई है।
इस IPO में 6,846 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे, जिससे कंपनी अपने पूंजी आधार को मजबूत करेगी। साथ ही टाटा सन्स और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) जैसे मौजूदा शेयरधारक 26.58 करोड़ शेयर बेचेंगे। ऑफर के बाद कंपनी की हिस्सेदारी में 11 फीसदी की कमी आएगी।
यह टाटा ग्रुप का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक ऑफर है। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO के बाद यह ग्रुप का दूसरा IPO है।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने टाटा कैपिटल को ‘अपर लेयर’ NBFC का दर्जा दिया है और सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्टिंग का निर्देश दिया था। हालांकि, कंपनी 6-10 दिन की देरी से यह समयसीमा पार करेगी।
टाटा कैपिटल के MD और CEO राजीव सभरवाल ने कहा, “हम RBI से लगातार बातचीत कर रहे हैं। कुछ दिन की देरी से कोई बड़ा असर नहीं होगा।” कंपनी के चेयरमैन सौरभ अग्रवाल ने बताया कि टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ हालिया विलय के कारण समयसीमा प्रभावित हुई है।
2007 में शुरू हुई टाटा कैपिटल आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी NBFC है। जून 2025 तक कंपनी का लोन बुक 2.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसका पोर्टफोलियो विविध है — 61.3 फीसदी रिटेल लोन, 26.2 फीसदी SME लोन और 12.5 फीसदी कॉरपोरेट लोन।
टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ हालिया विलय ने कंपनी की स्थिति और मजबूत कर दी है। दिसंबर 2024 तक टाटा मोटर्स फाइनेंस की संपत्ति (AUM) 36,515 करोड़ रुपये थी। टाटा कैपिटल को सभी घरेलू रेटिंग एजेंसियों से ‘AAA’ रेटिंग मिली हुई है।
IPO 3 अक्टूबर को एंकर निवेशकों के लिए खुलेगा। आम निवेशक इसमें 6 से 8 अक्टूबर तक हिस्सा ले सकेंगे।