Iran-Israel war: पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का असर पिछले तीन दिनों से भारतीय शेयर बाजार पर दिख रहा है। कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच आईटी शेयरों में भारी बिकवाली के कारण इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही। इन तीन दिनों में सेंसेक्स 2,094.47 अंक लुढ़का है। देसी शेयर बाजार में तीन सत्र से जारी गिरावट से निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। तीन दिनों में उनकी पूंजी 7.93 लाख करोड़ रुपये घट गई है।
BSE की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) तीन दिन में 7,93,529.61 करोड़ रुपये घटकर 3,94,25,823.46 रुपये (4,750 अरब अमेरिकी डॉलर) पर आ गया है।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 456.10 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,943.68 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 714.75 अंक तक लुढ़क गया था। वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 124.60 अंक यानी 0.56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 22,147.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक, मारुति, आईटीसी, पावरग्रिड और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक राजनीतिक तनाव की आशंका और हाल-फिलहाल नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम होने के बीच घरेलू बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट रही। अनुमान से अधिक मजबूत अमेरिकी खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद चिंता बढ़ी है। इससे यह धारणा बढ़ गई कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर कटौती में देरी कर सकता है। इससे डॉलर सूचकांक और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘आईटी क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गयी। मुख्य रूप अमेरिका में सोच-विचारकर किये जाने वाले खर्च में कमी की आशंका से कंपनियों की कमाई प्रभावित होने के अनुमान से आईटी कंपनियों में गिरावट आई। इसके अलावा, घरेलू कंपनियों के चौथी तिमाही के हल्के वित्तीय परिणाम का भी बाजार पर असर है।’’
(भाषा के इनपुट के साथ)