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चीन में निवेश बढ़ा रहे निवेशक

Last Updated- January 27, 2023 | 11:44 PM IST
The market succumbed to the selling by foreign investors, FPI has withdrawn Rs 21,272 crore so far in February विदेशी निवेशकों की बिकवाली के आगे बाजार ने टेके घुटने, FPI ने फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये निकाले
BS

जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों के लिए अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में लिखा है कि भारतीय इक्विटी बाजारों में प्रवाह पर जोखिम बना हुआ है, क्योंकि निवेशक चीन के लिए अपना कोष आवंटन बढ़ा रहे हैं।

उनका मानना है कि भारत एशियाई और उभरते बाजार (ईएम) के संदर्भ में अच्छा दीर्घावधि इक्विटी बाजार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि निवेशक बैंकों में बिकवाली करने के बजाय कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी शेयरों से बाहर निकल रहे हैं। बैंक ज्यादा आकर्षक दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि निफ्टी बैंक सूचकांक अब निफ्टी सूचकांक के लिए 18.6 गुना के मुकाबले 13.7 गुना की 12 महीने आगामी आय अनुमान पर कारोबार कर रहा है।

वुड का कहना है, ‘यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार जोखिम में बना हुआ है, क्योंकि चीन में कोष आवंटन बढ़ा है, लेकिन इसे लेकर भी व्यापक सहमति है कि भारत एशिया और उभरते बाजार के संदर्भ में सबसे अच्छा दीर्घावधि सफलता वाला बाजार भी बना हुआ है। इस समस्या को दूर करने के लिए निवेशकों को प्रमुख बैंकिंग निवेश घटाने के बजाय हाई पीई वाले भारतीय कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी शेयरों में निवेश घटाने पर ध्यान देना चाहिए।’

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भारतीय शेयरों में निवेश जनवरी में 17 प्रतिशत रहा जो एक वर्ष का निचला स्तर है। उनका मानना है कि इसमें बदलाव आ सकता है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विनोद कार्की और नीरज करनानी ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘समग्र आधार पर, भारतीय शेयरों में एफपीआई शेयरधारिता 15 जनवरी, 2023 को 47.9 लाख करोड़ रुपये थी, जो भारत में सूचीबद्ध क्षेत्र के सकल बाजार पूंजीकरण का 17 प्रतिशत है, और तब से इसी के आसपास बनी हुई है, जो इनकी शेयरधारिता के संदर्भ में बॉटम स्तर बनने का संकेत हो सकता है। उभरते बाजारों (खासकर भारत) में एफपीआई प्रवाह के लिए नजरिया अनुकूल बना हुआ है। हालांकि अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले ऊंचा मूल्यांकन एक प्रमुख समस्या है।’

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इस बीच, शेयर बाजारों पर, कई कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी शेयरों की चमक पिछले 6 महीनों में फीकी पड़ी है। जहां निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक ने बेंचमार्क सूचकांक के अनुरूप प्रदर्शन किया है, वहीं निफ्टी-50 में शामिल टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और कोलगेट-पामोलिव जैसे शेयरों में इस अवधि के दौरान 8 प्रतिशत की कमजोरी आई।

First Published - January 27, 2023 | 11:44 PM IST

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