सक्रिय इक्विटी म्युचुअल फंड (MF) योजनाओं में सकल प्रवाह अप्रैल में मासिक आधार पर 34 प्रतिशत घटकर 25,400 करोड़ रुपये रह गया, क्योंकि निवेशकों ने बाजार में बड़ी तेजी के बीच एकमुश्त निवेश में कम दिलचस्पी दिखाई।
भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) द्वारा जारी आंकड़े से पता चलता है कि सकल पूंजी प्रवाह में भारी गिरावट आने से शुद्ध पूंजी प्रवाह घटकर 6,480 करोड़ रुपये के पांच महीने के निचले स्तर पर रह गया। मार्च में शुद्ध प्रवाह 20,500 करोड़ रुपये के साथ 12 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया में सहायक निदेशक (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘बाजारों में हाल में आई भारी तेजी को देखते हुए निवेशक बाजार से दूर रहने और इक्विटी में निवेश का सही समय के लिए इंतजार करना पसंद कर सकते हैं।’
पिछला महीना नवंबर के बाद से इक्विटी बाजारों के लिए सबसे अच्छा महीना रहा। प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में अप्रैल में 3.6 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत की तेजी आई। स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में करीब 8 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई थी।
इक्विटी फंड प्रवाह में गिरावट को देखते हुए एम्फी के CEO एन एस वेंकटेश ने निवेशकों को बाजार में उतार-चढ़ाव से डरे बगैर लंबी अवधि का निवेश करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, ‘बाजार में समय देना बेहद जरूरी है। हमारे अभियानों का मकसद लक्ष्य-आधारित निवेश, लंबी अवधि के लिए निवेश के बारे में जागरूकता पैदा करना भी है।’
जहां कई सक्रिय इक्विटी फंड श्रेणियों में शुद्ध पूंजी प्रवाह मासिक आधार पर घटा, वहीं स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं ने निवेशकों को लगातार आकर्षित किया। अप्रैल में, स्मॉलकैप श्रेणी में 2,245 करोड़ रुपये का शुद्ध पूंजी प्रवाह आया और मिडकैप के लिए यह आंकड़ा 1,960 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023 में, निवेशकों ने स्मॉलकैप योजनाओं में 22,100 करोड़ रुपये लगाए, जबकि लार्जकैप के लिए यह आंकड़ा महज 8,370 करोड़ रुपये था।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी में मुख्य व्यावसायिक अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘स्मॉलकैप श्रेणी में पूंजी प्रवाह ताजा रुझान बरकरार रहने की वजह से 22,100 करोड़ रुपये पर मजबूत रहा। स्मॉलकैप भी कीमतों में गिरावट के बाद इन स्तरों पर आकर्षक बना रहा।’
SIP विकल्प के जरिये निवेश प्रवाह बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूत बना रहा। अप्रैल में सकल SIP प्रवाह हाल के महीनों में दर्ज किए गए पूंजी प्रवाह के अनुरूप था, हालांकि इसमें मार्च के 14,276 करोड़ रुपये के आंकड़े की तुलना में अप्रैल में थोड़ी कमजोरी (13,727 करोड़ रुपये) दिखी।
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अप्रैल में निवेशकों ने सक्रिय डेट योजनाओं में 1.07 लाख करोड़ रुपये लगाए, जो अक्टूबर 2020 के बाद से सर्वाधिक है। पिछली बार डेट फंडों में निवेश प्रवाह अप्रैल 2021 में 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा था। पूंजी प्रवाह में तेजी की चाल वित्त वर्ष 2023 के ज्यादातर समय कमजोर बनी रही, क्योंकि फेड फंडों ने इंडेक्सेशन लाभ के नुकसान के बाद निवेशकों की दिलचस्पी घटने की आशंका जताई थी।
लिक्विड फंडों में 63,200 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह आकर्षित हुआ। मनी मार्केट फंडों और अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों में भी हर महीने 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश दर्ज किया गया।
डेट योजनाओं में मजबूत प्रवाह के साथ साथ इक्विटी बाजार में तेजी से एमएफ उद्योग की औसत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एएयूएम) को मजबूती मिली। एएयूएम मासिक आधार पर 3.7 प्रतिशत तक बढ़कर 41.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। SIP एयूएम 5 प्रतिशत बढ़कर 7.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं।