शेयर बाजार को शुक्रवार को महंगाई पूरी तरह से मार गई। महंगाई के आंकड़े आते ही बाजार बुरी तरह मंदड़ियों की गिरफ्त में आ गया और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इस साल के नए निचले स्तरों पर जा पहुंचे।
जिन सेक्टरों पर ब्याज दरों का असर पड़ता है, उन पर सबसे ज्यादा दबाव था। बैंक, रियलिटी और ऑटो सेक्टरों में भी भारी दबाव था। जानकारों का कहना है कि अगर सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कदम नहीं उठाए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
सुबह सेंसेक्स 80 अंकों की तेजी लेकर 15,168 अंकों पर खुला लेकिन जल्दी ही ये सारी तेजी खो बैठा और गिरावट हावी होने लगी। बिकवाली का दबाव इतना तगड़ा था कि बाजार के दिग्गज शेयर भी धक्के खाने लगे। कारोबार खत्म होने तक सेंसेक्स कुल 517 अंक गिरकर 14,571 अंकों पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 157 अंक टूटकर 4348 अंकों पर बंद हुआ।
कुल 2740 शेयरों में कारोबार हुआ, जिसमें से 2243 शेयर कमजोर होकर बंद हुए जबकि केवल 453 शेयर ही चढ़ सके और 44 में कोई बदलाव नहीं रहा। सेंसेक्स के गिरने वाले शेयरों में रिलायंस और रिलायंस कम्युनिकेशन 6.5-6.5 फीसदी गिरकर क्रमश: 2097 और 491 रुपए पर बंद हुए जबकि हिंडाल्को भी 6.5 फीसदी फिसलकर 161 रुपए पर आ गया।
जयप्रकाश एसोसिएट्स 6 फीसदी गिरकर 167 पर और रिलायंस इंफ्रा. 5 फीसदी गिरकर 963 रुपए पर रहा। भारती, अंबुजा, टाटा स्टील और डीएलएफ भी 4.5 फीसदी कमजोर होकर क्रमश: 766, 85, 778 और 456 रुपए पर आ गए। लेकिन इस गिरावट में भी ओएनजीसी 1.5 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। मुद्रास्फीति की दर के 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों को आशंका है कि इसे रोकने के लिए रिजर्व बैंक कड़े मौद्रिक उपायों की घोषणा कर सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि इससे बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इसमें ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी शामिल है जो बैंकों की आय पर प्रतिकूल असर डालेगी। जानकारों का कहना है कि सबसे बुरी तरह प्रभावित वे क्षेत्र होंगे जो ब्याज दर के लिहाज से संवेदनशील हैं। मसलन बैंक, आटो और रियलटी सेक्टर के शेयरों पर असर पड़ेगा। बैंकेक्स में 2.97 फीसदी की गिरावट रही। इसके अलावा कैपिटल गुड्स, तेल, रियलिटी और मेटल सेक्टर भी करीब पांच फीसदी कमजोर हुए।