भारत के स्टॉक मार्केट ने एक बार फिर से दुनिया में अपनी पांचवीं पोजिशन पा ली है। जनवरी में भारत ने अपनी पोजिशन फ्रांस के हाथों खो दी थी। अब अदाणी ग्रुप के स्टॉक के बढ़ने से भारत ने फिर से अपना रुतबा हासिल कर लिया है।
अदाणी के शेयरों में सुधार और विदेशी कंपनियों द्वारा खरीदारी में बढ़ोतरी से शुक्रवार को भारत का बाजार पूंजीकरण 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर फ्रांस को पिछले हफ्ते बाजार में $100 बिलयन का नुकसान झेलना पड़ा है।
दरअसल, चीन और अमेरिका में मंदी की वजह से फ्रांस के स्टॉक बाजार को खासा मुकसान झेलना पड़ा है, इस दौरान उनकी कंपनी लुई वितों (Louis Vuitton) और Vivendi SE को अपने शेयर बेचने पड़े।
भारत को चीन की धीरे-धीरे सुधर रही इकॉनमिक रिकवरी से फायदा हुआ है। क्योंकि इस बीच विदेशी कंपनियों (foreign funds) ने अपने निवेश को भारत में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। अप्रैल से विदेशी फंडों ने करीब $5.7 बिलियन कीमत के स्टॉक भारत की स्टॉक मार्केट में डाले हैं।
भारत में आमदनी की स्थिरता और उच्च जीडीपी ग्रोथ को देखते हुए विदेशी इन्वेस्टर्स यहां पैसा लगाने के लिए उत्साहित हैं। भारत ने दुनियाभर में कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ा है, यह भी निवेशकों के यकीन को मजबूत करता है।
जेफरीज फाइनेंशियल ग्रुप इंक के क्रिस्टोफर वुड ने हाल ही में भारतीय शेयरों में अपना निवेश बढ़ाया और चीनी शेयर बाजार में निवेश कम कर दिया। उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि अच्छी शुरुआत के बावजूद, पिछले कुछ समय से चीनी स्टॉक मार्केट खासा खराब परफॉर्म कर रहा है।
एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स ने मार्च के बीच में अस्थायी गिरावट के बाद 9% पर वापसी कर ली है। अदाणी समूह के स्टॉक में भी सुधार हुआ है, क्योंकि अदालत द्वारा नियुक्त पैनल को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का कोई सबूत नहीं मिला। जिससे अदाणी की कंपनी क्लीन निकली है।
पिछले हफ्ते, अदाणी की 10 लिस्टेड कंपनियों ने सामूहिक रूप से बाजार मूल्य में लगभग 15 बिलियन डॉलर का लाभ प्राप्त किया। इसने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद उनके घाटे को कम करने में मदद की, जिससे कुल घाटा $153 बिलियन से $105 बिलियन तक कम हो गया।
(ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)