facebookmetapixel
Amul ने 700 से ज्यादा प्रोडक्ट्स के घटाए दाम, जानें पनीर, घी और मक्खन कितना हुआ सस्ताम्युचुअल फंड्स और ETF में निवेश लूजर्स का खेल…‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्या सलाह दी?Bonus Stocks: अगले हफ्ते कुल पांच कंपनियां निवेशकों को देंगी बोनस, बिना कोई खर्च मिलेगा अतिरिक्त शेयर10 साल में 1716% का रिटर्न! बजाज ग्रुप की कंपनी निवेशकों को देगी 1600% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: अगले हफ्ते निवेशकों के बल्ले-बल्ले! 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टअमेरिका की नई H-1B वीजा फीस से भारतीय IT और इंजीनियर्स पर असर: NasscomHDFC, PNB और BoB ने MCLR घटाई, EMI में मिल सकती है राहतH-1B वीजा होल्डर्स के लिए अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन की चेतावनी: अभी US छोड़कर नहीं जाएंDividend Stocks: सिविल कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी यह कंपनी देगी 30% का तगड़ा डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेराष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बना रहा है भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम: ISRO प्रमुख

भारत का आउटबाउंड FDI सितंबर की तुलना में 12% घटा

इनवार्ड FDI में भी गिरावट आई

Last Updated- November 14, 2023 | 11:04 AM IST
Maharashtra is the first choice of foreign investors, received FDI worth Rs 1.13 lakh crore in just six months विदेशी निवेशकों की पहली पसंद महाराष्ट्र, सिर्फ छह महीने में मिला 1.13 लाख करोड़ रुपये का FDI

भारत से बाहर जाने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अक्टूबर 2023 में 12.14 प्रतिशत गिरकर 1.88 अरब डॉलर रह गया, जबकि सितंबर में यह 2.14 अरब डॉलर से अधिक था। इससे विश्व की आर्थिक वृद्धि में सुस्ती का पता चलता है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अक्टूबर 2022 में यह 2.66 अरब डॉलर से अधिक था।

बाहर जाने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वित्तीय प्रतिबद्धताएं शामिल होती हैं, जिसके 3 घटक इक्विटी, ऋण और गारंटी हैं। खासकर विकसित देशों में आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में सुस्ती के कारण बाहरी और आंतरिक दोनों प्रत्यक्ष निवेश पर असर पड़ा है।

इस तरह के एफडीआई में ज्यादातर निवेश सहायक इकाइयों या विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी लेने में हुआ है। बैंकरों के मुताबिक विकसित देशों में सुस्ती से अवसर कम होते हैं।

विदेश में एफडीआई के आंकड़ों की तरह आंतरिक एफडीआई यानी विदेश से भारत आने वाले धन की आवक भी सुस्त रही है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत में शुद्ध एफडीआई तेजी से घटकर अप्रैल-अगस्त 2023-24 (वित्त वर्ष 24) में 2.99 अरब डॉलर रह गया है, जो अप्रैल-अगस्त 2022-23 (वित्त वर्ष 23) के 18.03 अरब डॉलर की तुलना में कम है। इससे वैश्विक निवेश गतिविधियों में सुस्ती का पता चलता है।

अगर विदेश के एफडीआई घटकों पर नजर डालें तो इक्विटी प्रतिबद्धता अक्टूबर 2023 में बढ़कर 86.528 करोड़ डॉलर हो गई है, जो सितंबर 2023 के 48.508 करोड़ डॉलर से कम है, लेकिन यह अक्टूबर 2022 के 1.42 अरब डॉलर की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है।

अक्टूबर में ऋण प्रतिबद्धताएं घटकर 25.581 करोड़ डॉलर रह गईं, जो सितंबर के 51.029 करोड़ डॉलर की तुलना में कम है। साथ ही यह अक्टूबर 2022 के 51.556 करोड़ डॉलर की तुलना में भी कम है।

विदेशी इकाइयों के लिए गारंटी घटकर अक्टूबर में 77.419 करोड़ डॉलर रह गई, जो सितंबर में 1.14 अरब डॉलर थी। बहरहाल रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि यह एक साल पहले के 72.143 करोड़ डॉलर की तुलना में कम है।

First Published - November 13, 2023 | 4:53 PM IST

संबंधित पोस्ट