एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक धीरज रेली का कहना है कि लंबी अवधि के लिहाज से भारतीय बाजार अपने मूल्यांकन, आय और व्यापक आर्थिक मापदंडों के मामले में मजबूत फंडामेंटल का प्रदर्शन बरकरार रखे हुए है। ब्रोकरेज फर्म की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में रेली ने यह टिप्पणी की।
ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी स्थिर हो जाएगी। इससे जाहिर होता है कि भारत में विदेशी फंडों की बड़ी बिकवाली का दौर अब खत्म होने के करीब है। हालांकि, रेली ने आगाह किया कि यह बाजार में आक्रामक खरीद के अवसर का संकेत नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए तनाव के असर के बारे में रेली ने कहा, लंबी अवधि के लिहाज से भारत की विकास की कहानी बरकरार है। सभी उच्च आवृत्ति संकेतक अनुकूल हैं। हमने मुद्रास्फीति का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया है। हमारे बुनियादी तत्व मजबूत हैं। हालांकि लघु अवधि में यह तनाव बाजार पर असर डाल सकता है लेकिन हमारा दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।
उन्होंने कहा, डेरिवेटिव सेगमेंट पर हावी तकनीक आधारित डिस्काउंट ब्रोकरों से मुकाबला करने के बावजूद एचडीएफसी सिक्योरिटीज की मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग और कैश सेगमेंट में दो अंकों की बाजार हिस्सेदारी के साथ मजबूत स्थिति है। हमने डिस्काउंट ब्रोकरेज हाउसों से भारी उथल-पुथल देखी है लेकिन हमारे ग्राहक हमारे साथ बढ़ते रहे हैं। हम पूर्ण-सेवा ब्रोकरेज सेवा पर ध्यान देना जारी रखेंगे।
ब्रोकरेज फर्म का लक्ष्य अपनी डिस्काउंट ऑफरिंग एचडीएफसी स्काई के जरिए डेरिवेटिव सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करना है। रेली ने बताया कि फर्म ने पिछले 15 महीनों में इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 18 लाख से अधिक ग्राहक जोड़े हैं। उन्होंने डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार के लिहाज से ट्रेडरों को पात्र बनाने के लिए उनके अनुभव या प्रमाणन के आधार पर ‘उपयुक्तता अभ्यास’ की पैरवी की।
स्टॉक ब्रोकिंग उद्योग ने वायदा और विकल्प (एफऐंडओ) खंड में नियामकीय परिवर्तनों के कारण आय पर दबाव अनुभव किया है। ब्रोकरेज हाउस के एक अन्य अधिकारी ने बेसिक डीमैट खातों के लिए सालाना रखरखाव शुल्क में 35-40 फीसदी की गिरावट दर्ज की। राजस्व में गिरावट की भरपाई के लिए ब्रोकरेज हाउस जल्द ही शुल्क बढ़ा सकते हैं या क्रॉस-सेलिंग और वितरण मॉडल अपना सकते हैं।
इसके अलावा, एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने विभिन्न क्षेत्रों में चयनित 25 शेयरों की सूची जारी की जिन्हें उनकी दीर्घकालिक विकास क्षमता के लिए पहचाना गया है। पोर्टफोलियो में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), लार्सन ऐंड टुब्रो (एलएंडटी) और मारुति सुजूकी जैसे सेक्टर के अग्रणी शेयर शामिल हैं। 25 शेयरों वाले मॉडल पोर्टफोलियो में 20 फीसदी हिस्सा उपभोक्ता खंड को, 16 फीसदी बीएफएसआई को आवंटित किया गया है।