facebookmetapixel
नए श्रम कानून: भारतीय नीति के साथ इसका क्रियान्वयन है मुख्य चुनौतीमकान खरीदने का प्लान कर रहे हैं? लेने से पहले RERA पोर्टल पर जांच जरूरी, नहीं तो चूक पड़ेगी भारी!डॉलर के मुकाबले 90 के पार रुपया: क्या विदेश में पढ़ाई-इलाज और यात्रा पर बढ़ेगा खर्च?MSME को बड़ी राहत: RBI ने सस्ते कर्ज के लिए बदले नियम, ब्याज अब हर 3 महीने पर रीसेट होगानील मोहन से बिल गेट्स तक, टेक दुनिया के बॉस भी नहीं चाहते अपने बच्चे डिजिटल जाल में फंसेगोवा नाइटक्लब हादसे के बाद EPFO की लापरवाही उजागर, कर्मचारियों का PF क्लेम मुश्किल मेंSwiggy ने QIP के जरिए जुटाए ₹10,000 करोड़, ग्लोबल और घरेलू निवेशकों का मिला जबरदस्त रिस्पांससिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समारोह के पास गोलीबारी, कम से कम 10 लोगों की मौतऑटो इंडस्ट्री का नया फॉर्मूला: नई कारें कम, फेसलिफ्ट ज्यादा; 2026 में बदलेगा भारत का व्हीकल मार्केटDelhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक प्रदूषण, CAQM ने आउटडोर खेलों पर लगाया रोक

भारतीय बाजार की बुनियाद मजबूत, तनाव के बाद भी लॉन्गटर्म नजरिया सकारात्मक: HDFC सिक्योरिटीज

धीरज रेली बोले– विदेशी फंडों की बिकवाली अब थमेगी, फर्म ने 25 लंबी अवधि वाले शेयरों की सूची भी जारी की

Last Updated- April 25, 2025 | 10:59 PM IST
HDFC Securities

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक धीरज रेली का कहना है कि लंबी अवधि के लिहाज से भारतीय बाजार अपने मूल्यांकन, आय और व्यापक आर्थिक मापदंडों के मामले में मजबूत फंडामेंटल का प्रदर्शन बरकरार रखे हुए है। ब्रोकरेज फर्म की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में रेली ने यह टिप्पणी की।

ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी स्थिर हो जाएगी। इससे जाहिर होता है कि भारत में विदेशी फंडों की बड़ी बिकवाली का दौर अब खत्म होने के करीब है। हालांकि, रेली ने आगाह किया कि यह बाजार में आक्रामक खरीद के अवसर का संकेत नहीं है।

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए तनाव के असर के बारे में रेली ने कहा, लंबी अवधि के लिहाज से भारत की विकास की कहानी बरकरार है। सभी उच्च आवृत्ति संकेतक अनुकूल हैं। हमने मुद्रास्फीति का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया है। हमारे बुनियादी तत्व मजबूत हैं। हालांकि लघु अवधि में यह तनाव बाजार पर असर डाल सकता है लेकिन हमारा दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।

उन्होंने कहा, डेरिवेटिव सेगमेंट पर हावी तकनीक आधारित डिस्काउंट ब्रोकरों से मुकाबला करने के बावजूद एचडीएफसी सिक्योरिटीज की मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग और कैश सेगमेंट में दो अंकों की बाजार हिस्सेदारी के साथ मजबूत स्थिति है। हमने डिस्काउंट ब्रोकरेज हाउसों से भारी उथल-पुथल देखी है लेकिन हमारे ग्राहक हमारे साथ बढ़ते रहे हैं। हम पूर्ण-सेवा ब्रोकरेज सेवा पर ध्यान देना जारी रखेंगे।

ब्रोकरेज फर्म का लक्ष्य अपनी डिस्काउंट ऑफरिंग एचडीएफसी स्काई के जरिए डेरिवेटिव सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करना है। रेली ने बताया कि फर्म ने पिछले 15 महीनों में इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 18 लाख से अधिक ग्राहक जोड़े हैं। उन्होंने डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार के लिहाज से ट्रेडरों को पात्र बनाने के लिए उनके अनुभव या प्रमाणन के आधार पर ‘उपयुक्तता अभ्यास’ की पैरवी की।

स्टॉक ब्रोकिंग उद्योग ने वायदा और विकल्प (एफऐंडओ) खंड में नियामकीय परिवर्तनों के कारण आय पर दबाव अनुभव किया है। ब्रोकरेज हाउस के एक अन्य अधिकारी ने बेसिक डीमैट खातों के लिए सालाना रखरखाव शुल्क में 35-40 फीसदी की गिरावट दर्ज की। राजस्व में गिरावट की भरपाई के लिए ब्रोकरेज हाउस जल्द ही शुल्क बढ़ा सकते हैं या क्रॉस-सेलिंग और वितरण मॉडल अपना सकते हैं।

इसके अलावा, एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने विभिन्न क्षेत्रों में चयनित 25 शेयरों की सूची जारी की जिन्हें उनकी दीर्घकालिक विकास क्षमता के लिए पहचाना गया है। पोर्टफोलियो में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), लार्सन ऐंड टुब्रो (एलएंडटी) और मारुति सुजूकी जैसे सेक्टर के अग्रणी शेयर शामिल हैं। 25 शेयरों वाले मॉडल पोर्टफोलियो में 20 फीसदी हिस्सा उपभोक्ता खंड को, 16 फीसदी बीएफएसआई को आवंटित किया गया है।

 

First Published - April 25, 2025 | 10:59 PM IST

संबंधित पोस्ट