इस कैलेंडर वर्ष में अब तक भारतीय बाजारों में एफपीआई द्वारा निवेश अन्य उभरते बाजारों (ईएम) की तुलना में ज्यादा रहा है। भारत ने करीब 6 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया, तबकि ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे बाजारों ने एफपीआई द्वारा बिकवाली दर्ज की। ईएम श्रेणी में (डेटा की अनुपलब्धता की वजह से चीन को छोड़कर), ब्राजील एफपीआई प्रवाह के संदर्भ में 4.9 अरब डॉलर की पूंजी निवेश के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
बोफा सिक्योरिटीज के अनुसार, ईएम के मुकाबले एमएससीआई इंडिया का मूल्यांकन प्रीमियम अब 40 प्रतिशत पर है, जो दीर्घावधि औसत से 3 प्रतिशत ऊपर है। पिछले महीने, भारतीय बाजारों ने 1.9 अरब डॉलर से ज्यादा का एफपीआई निवेश आकर्षित किया। यह प्रवाह उद्योग (68.4 करोड़ डॉलर), ऊर्जा (46.1 करोड़ डॉलर), और डिस्क्रेशनरी (40.4 करोड़ डॉलर) जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रहा।
बोफा के आंकड़ों से पता चलता है कि धारणा में सुधार के बावजूद पिछले महीने वित्त (22.7 करोड़ डॉलर) और रियल एस्टेट (3.8 करोड़ डॉलर) बिकवाली के शिकार हुए।
जनवरी के अंत तक, एनएसई शेयरों में एफपीआई ने आईटी (+ 0.8 प्रतिशत), उद्योग (+ 0.4 प्रतिशत), और दूरसंचार (+ 0.2 प्रतिशत) सकारात्मक रुख बरकरार रखा, जबकि वित्त (- 1.13 प्रतिशत), ऊर्जा (-0.34 प्रतिशत), और स्टेपल्स (- 0.11 प्रतिशत) पर नकारात्मक बने रहे। विदेशी प्रवाह के क्षेत्रवार विश्लेषण में काफी अंतर दिखा है।
विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय आईटी सेवा उद्योग ने वित्त वर्ष 2021 में अपनी सबसे मजबूत तीसरी तिमाहियों में से एक दर्ज की, क्योंकि उसे सभी प्रमुख उद्योगों में बढ़ते आईटी खर्च और सौदों के आकार में तेजी से मदद मिली। 2020 में प्रमुख बाजार के मुकाबले कमजोरी दर्ज करने वाले बीएफएसआई क्षेत्र के लिए भी परिदृश्य में सुधार आया है।
