चार साल तक मुनाफे में दो अंक की मजबूत वृद्धि दर्ज करने के बाद भारतीय कंपनियों की कॉरपोरेट आय की रफ्तार वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में सुस्त पड़ गई। इससे भारतीय उद्योग जगत में पूरे वित्त वर्ष 2025 के मुनाफा अनुमान में कटौती और इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने का जोखिम बढ़ गया है। कई गैर-वित्तीय सेवा क्षेत्रों की कंपनियों ने जिंस कीमतों में नरमी और ब्याज लागत में कमी से मजबूत परिचालन मार्जिन दर्ज किया। इसके बावजूद उनकी आय वृद्धि पर दबाव देखा गया।
क्षेत्रवार आय में गिरावट मुख्य रूप से तेल और गैस कंपनियों, गैर-बैंक ऋणदाताओं, तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान, सीमेंट और लौह एवं इस्पात कंपनियों के कारण हुई। तुलनात्मक रूप से बैंकों, वाहन कंपनियों, अलौह धातु उत्पादकों, दवा कंपनियों और पूंजीगत वस्तु कंपनियों ने पहली तिमाही की आय में मजबूत दो अंक की वृद्धि दर्ज की।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए अपने तिमाही नतीजे घोषित कर चुकीं 2,909 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 4.4 प्रतिशत तक बढ़ा है जो पिछली 6 तिमाहियों में सबसे धीमी गति है। तुलना करें तो इन कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ पिछले साल की समान तिमाही में सालाना आधार पर 40.9 प्रतिशत तक और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत तक बढ़ा था।
हमारे नमूने में शामिल कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 3.39 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 3.54 लाख करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर और वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 3.25 लाख करोड़ रुपये से 4.23 प्रतिशत कम है।
संयुक्त शुद्ध बिक्री (बैंकों और अन्य ऋणदाताओं के मामले में सकल ब्याज आय) वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत तक बढ़ी जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 5.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 8.1 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत ज्यादा थी। इनकी संयुक्त शुद्ध बिक्री जून तिमाही में बढ़कर 35.07 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले यह 32.38 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 35.91 लाख करोड़ रुपये थी।
पहली तिमाही में कॉरपोरेट आय वृद्धि वित्त वर्ष 2025 में आय में संपूर्ण वृद्धि के बाजार अनुमान की तुलना में कम रही। कई ब्रोकरों ने वित्त वर्ष के दौरान संपूर्ण कॉरपोरेट आय में 15-20 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है।
उदाहरण के लिए, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल को निफ्टी-50 सूचकांक की प्रति शेयर आय वित्त वर्ष 2025 में 16 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। इलारा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों को आय वृद्धि इस वित्त वर्ष में मजबूत रहने का अनुमान है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के अनुमान के अनुसार निफ्टी-50 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ पिछले पांच साल में 18 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा।
पहली तिमाही में बीएफएसआई को छोड़कर 2,383 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 0.1 प्रतिशत घट गया जो पिछली 6 तिमाहियों में सबसे खराब प्रदर्शन है।