बाजार में अति उत्साह की स्थिति न सिर्फ लार्ज-कैप, मिड-कैप, और स्मॉल-कैप तक सीमित नहीं है। निवेशकों द्वारा नजरअंदाज की गई कंपनियां भी मौजूदा समय में कारोबारियों के बीच चर्चा में बनी हुई हैं। इनमें ऐसे शेयर शामिल हैं जिन्होंने 2007-08 के ‘बुल रन’ के दौरान खास पहचान बनाई थी, लेकिन फिर इनकी लोकप्रियता समाप्त हो गई। इनमें अनिश्चित बिजनेस मॉडल, और दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रहीं कंपनियां भी शामिल हैं।
यदि आप 1 नवंबर से सूचीबद्घ श्रेणी के सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयरों पर विचार करें तो इसमें कई दिलचस्प नाम शामिल हैं।
यह रुझान बाजार धारणा में आए बड़े बदलाव को दर्शाता है। कुछ ही महीनों में बाजार धारणा मंदी से तेजी में तब्दील हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि तेजी की धारणा को देखते हुए, कई छोटे निवेशक और ऑपरेटर भी छोटे बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों पर दांव बढ़ा रहे हैं। वे निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
आईडीबीआई कैपिटल में शोध प्रमुख एके प्रभाकर ने कहा, ‘यदि जंक शेयर यानी गुमनाम शेयरों में तेजी आ रही है तो आपको बाजार में फिलहाल सतर्कता बरतने की जरूरत होगी। निवेशकों को अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों में मुनाफावसूली करनी चाहिए। ब्याज दरें नीचे हैं और आपको 10-15 प्रतिशत के सालाना प्रतिफल के साथ संतोष करना चाहिए। लेकिन आपको पूंजी पर जोखिम नहीं लेना चाहिए। हम निवेशकों को ऐसे व्यवसायों के पीछे भागने से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं जो मुनाफा नहीं कमा रहे हैं। निवेशकों को अपना पैसा ऐसे शेयरों में लगाना चाहिए जहां सुरक्षा ज्यादा हो। नए निवेशक यह समझ रहे हैं कि ये शेयर वैल्यू की पेशकश करेंगे और दोगुना हो जाएंगे।’
हाल के महीनों में, ऊपरी कारोबार सीमा छूने और 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर छूने वाले शेयरों में तेजी आई है। उदाहरण के लिए, मंगलवार को 408 शेयरों ने बीएसई पर अपर सर्किट छुआ और 300 से ज्यादा शेयर एक वर्ष के ऊंचे स्तरों पर बंद हुए। कुल 3,131 शेयरों में कारोबार हुआ था।
विश्लेषकों का कहना है कि कुछ कंपनियों में तेजी बड़े सुधार की उम्मीद से आई है, क्योंकि कम ब्याज दर का परिवेश बना हुआ है।
आईआईएफएल में शोध प्रमुख अभिमन्यु सोफट ने कहा, ‘बाजार की तेजी व्यापक हो रही है। चूंकि ब्याज दरें नीचे हैं, इसलिए इक्विटी बाजार में गतिविधियां बढ़ी हैं। इससे इनमें से कुछ शेयरों की चमक बढ़ सकती है। जब व्यवस्था में तरलता और उछाल हो तो इसकी उम्मीद की जाती है कि इनमें से कुछ कंपनियों की परिसंपत्तियां अच्छी वैल्यू हासिल कर सकती हैं। मेरा मानना है कि निवेशक इसी तरह के अनुमान लगा रहे हैं। लेकिन इसके अलावा, यह कहना मुश्किल है कि लोग इन शेयरों में पोजीशन क्यों ले रहे हैं। निवेशकों को इन शेयरों में निवेश करते वक्त सतर्कता बरतने
की जरूरत होगी, क्योंकि इनमें जोखिम काफी ज्यादा है।’
पिछले सप्ताह बीएसई ने 290 शेयरों पर सर्किट फिल्टर हटाए थे। शुक्रवार को सात शेयरों में दैनिक कारोबारी सीमा 5 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि करीब 139 शेयरों के लिए यह 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत पर दर्ज की गई।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे कारोबारियों को कीमतों में और वृद्घि का मौका मिल सकता है।
