facebookmetapixel
Q3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैंIndia International Trade Fair 2025: साझीदार राज्य बना यूपी, 343 ओडीओपी स्टॉल्स और 2750 प्रदर्शकों के साथ बड़ा प्रदर्शनबुलेट बनाने वाली कंपनी का मुनाफा 25% बढ़कर ₹1,369 करोड़, रेवेन्यू में 45% की उछालPhonePe ने OpenAI के साथ मिलाया हाथ, अब ऐप में मिलेगी ChatGPT जैसी खास सुविधाएंNFO Alert: ₹99 की SIP से Mirae Asset MF के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश का मौका, जानें इसकी खासियतDigital Life Certificate: ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?सरकार का बड़ा प्लान! क्या मुंबई 2029 तक जाम और भीड़ से मुक्त हो पाएगीसस्ते स्टील पर बड़ा प्रहार! भारत ने वियतनाम पर 5 साल का अतिरिक्त टैक्स लगाया45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नल

भारत: मंदी का असर

Last Updated- December 07, 2022 | 11:02 PM IST

बंबई स्टॉक एक्सचेंज के 11,801 अंकों के स्तर तक पहुंचने के साथ ही शेयर बाजार अब महंगा नहीं रह गया है क्योंकि वर्ष 2008 के बाद से बाजार में 40 प्रतिशत की गिरावट आने के बाद सेंसेक्स वित्त वर्ष 2008 के अनुमानित आमदनी के 12 गुना के स्तर से कम पर हो रहा है।


यह 18 सालों के 15.6 प्रतिशत के औसत से कम है। जहां तक क्षेत्रीय बाजारों कोरिया और ताइवान का सवाल है तो यह क्रमश: 11 और 9 प्रतिशत सस्ता हो गया है। हालांकि निवेशकों द्वारा बॉटम फिनिश करने के लिहाज से यह एक बेहतर वक्त होता लेकिन अब इसके होने की संभावना नहीं के बराबर है।

जब तक अमेरिकी शेयर बाजार में स्थायित्व के संकेत नहीं दिखाई देते हैं तब तक वैश्विक बाजार में उथल-पुथल जारी रहने के आसार हैं और भारतीय शेयर बाजार से भी कुछ इसी तरह की उम्मीद की जा सकी है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए संकेत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं जहां पर ज्यादातर पोर्टफोलियो इनफ्लो, ऋण, प्राइवेट इक्विटी और प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश पर अपना ध्यान आकर्षित किया था।

वास्तव में भारत में वर्ष 2002 से 2007 के बीच पूंजी का प्रवाह दस गुना के स्तर पर हुआ जिसने की भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन मौजूदा संकट को देखते हुए इसके मंदी पडने की संभावना नजर आ रही है।

एक अनुमान के अनुसार विदेशी पूंजी निवेश वर्ष 2008 के अप्रैल-अगस्त के बीच  सालाना आधार पर इसमें 30-35 अरब डॉलर की कमी आई है। हालांकि पूंजी का प्रवाह अन्य उभरते हुए बाजारों की तरह ही रहा है।

यही कारण है कि इस मंदी के बावजूद भी भारतीय अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्र में चीन को छोडक़र अन्य देशों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी लकिन इसके बावजूद  इस बात की संभावना कम ही है कि फंड प्रबंधक भारतीय बाजार में पहले की तरह ही अपना पैसा लगाएंगे।

सीमेंट: मांग में कमी

अगर सीमेंट सेक्टर में सितंबर 2008 की तिमाही में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन अनुमानित 81 प्रतिशत की बात सही हो जाती है तो चार वर्षों में सबसे कम होगा। सीमेंट का अनुमान है कि अगस्त 2008 में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन पिछले साल की समान अवधि के 88 प्रतिशत के मुकाबले 77 प्रतिशत के आसपास रहा।

इस उद्योग के जानकार का कहना है कि कैपेसिटर यूटिलाइजेशन में कमी का कारण गृह-निर्माण के क्षेत्र में इसकी मांग में कमी आना है जोकि देश में कुल सीमेंट उत्पादन का लगभग आधी खपत होता है। इससे ज्यादा दुख की बात यह है कि रियल इस्टेट कंपनियों के अपनी परियोजनाओं पर धीमी गति से काम करने से मांग में और अधिक कमी आ गई है।

सीमेंट कंपनियां जैसे एसीसी, अल्ट्राटेक, ग्रासिम और श्री सीमेंट ने अधिक आपूर्ति होने के डर के बीच अगस्त 2008 में अपेक्षाकृत कम सीमेंट का उत्पादन किया। सीमेंट का कारोबार देश के पश्चिमी और दक्षिणी भाग में डिसपेचेज के साल-दर-साल के हिसाब से क्रमश: 7 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से आगे बढ़ने के कारण देश केपश्चिमी और दक्षिणी भाग में सीमेंट के कारोबार में तेजी आई।

अंबुजा सीमेंट और ग्रासिम सीमेंट का राजस्व साल-दर-साल के हिसाब से क्रमश: 10-12 और 5-6 प्रतिशत ज्यादा रहना चाहिए। हालांकि आयातित कोयले की कीमतों के अधिक रहने के कारण ऑपरेटिंग प्रॉफिट के दबाव में रहने की संभावना है। ऊर्जा पर हो रहें अधिक खर्च और फ्राइट की कीमतें ज्यादा रहने के कारण मुनाफे पर भी असर पड़ने की संभावना है।

श्री सीमेंट की बिक्री सितंबर 2008 की तिमाही में कम रहने की संभावना है। उद्योग जगत पर नजर रख रहे सूत्रों के अनुसार मांग में कमी धीमी गति से हो रही है लेकिन इससे आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इस वर्ष दिसंबर की तिमाही तक 11 मिलियन टन अतिरिक्त सीमेंट के कमीशंड करने की योजना है।

First Published - October 7, 2008 | 11:14 PM IST

संबंधित पोस्ट