निफ्टी सोमवार को 1.74 फीसदी गिरा और दोनों निफ्टी फ्यूचर वैश्विक आर्थिक संकट के मद्देनजर स्पॉट की तुलना में 22-24 अंक कमजोर होकर बंद हुए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही जबकि पावर कंपनियों के शेयरों में रेगुलेटर द्वारा रिटर्न ऑफ इक्विटी बढ़ाए जाने से तेजी रही। निफ्टी को 2760 के स्तर पर सपोर्ट था और यह 2760-2800 के स्तर पर कंसॉलिडेट हो रहा था।
ऐम्बिट कैपिटल के टेक्निकल एनालिस्ट आशीष श्राफ के मुताबिक इंडेक्स के मौजूदा स्तर से 2950 के लक्ष्य तक बाउंसबैक करने की उम्मीद है और इस अपट्रेंड का रिवर्सल प्वाइंट 2700 का होगा।
अगर निफ्टी 2700 का स्तर तोड़ता है तो यह और नीचे जा सकता है। हालांकि बाजार पिछले सात दिनों से 2700 से 2850 के सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और अब ब्रेकआउट की उम्मीद है।
दोनों निफ्टी फ्यूचर स्पॉट की तुलना में भारी डिस्काउंट पर कारोबार कर रहे हैं और इंडेक्स फ्यूचर में एफआईआई शुध्द बिकवाल होने की वजह से बाजार कमजोर रहने के आसार हैं।
निफ्टी के ट्रेडिंग वॉल्यूम से संकेत मिलते हैं कि जनवरी के इंट्राडे में लांग पोजीशन और शार्ट पोजीशन दोनों में ही अनवाइंडिंग हो रही है और फरवरी में 21.4 लाख शेयरों की ताजा शार्ट पोजीशन बनी है।
ऑप्शन कारोबारी 2700 के भाव पर कॉल की खरीद करते देखे गए और 2800-3200 के भाव कॉल की शार्ट कवरिंग की गई। कारोबारियों को उम्मीद है कि निफ्टी के शार्ट टर्म में 2800 से ऊपर जाने के आसार बहुत कम हैं, दरअसर कॉल ऑप्शंस के कुल 264.9 लाख शेयरों के ओपन इंटरेस्ट में से 78 फीसदी 2800-3200 के कॉल के हैं।
इससे संकेत मिलते हैं कि इंडेक्स को 2800- 3200 के बीच तगड़ा रेसिस्टेंस है। पावर कंपनियों के शेयरों का काफी मांग थी, एनटीपीसी 4.3 फीसदी चढ़ा और इसका ओपन इंटरेस्ट 36.7 लाख शेयरों से बढ़ा।
जबकि रिलायंस इंफ्रा. 3.16 फीसदी बढ़ा और इसका ओपन इंटरेस्ट 88,734 शेयरों से बढ़ा। पावर रेगुलेटर पावर परियोजनाओं के लिए रिटर्न ऑफ इक्विटी 14 से बढ़ाकर 15.5 फीसदी करने की योजना बना रही है। जो परियोजनाएं समय से खत्म होती है उनका रेट ऑफ रिटर्न ऑन इक्विटी 16 फीसदी होगा।