इन दोनों वित्तीय कंपनियों के साथ कई बैंक, वित्तीय सेवा कंपनियां, एक्सचेंज और अन्य भी इसी राह पर चल रहे हैं। वे या तो अपने ऑफिस को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित कर रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक गुजरात अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय टेक सिटी (जीआईएफटी) में 10 लाख वर्ग फीट में 30-30 मंजिला तीन टॉवरों का निर्माण कर रहा है। जीआईएफटी आईटी, आईटीईएस और वित्तीय सेवा कंपनियों के लिए निर्माणाधीन शहर है। इन तीन टॉवरों में पहला टॉवर निर्माणाधीन है जबकि अन्य दो विकास की प्रक्रिया में है। इसके साथ ही बैंक का हैदराबाद में 20,000 लोगों के लिए एक साथ बैठक व्यवस्था योग्य ऑफिस कांप्लेक्स है। ये दोनों जगहें आईसीआईसीआई के सारे बेक ऑफिस कार्य के संचालन के लिए पर्याप्त हैं। बैंक के एक प्रवक्ता के अनुसार अहदाबाद एक क्षेत्रीय हब है। बैंक अपने कुछ ऑफिस यहां स्थानांतरित करने की योजना बना रही है। इस समय कई एसेट प्रबंधन कंपनियां और कुछ अंतर्राष्ट्रीय बैंकें मुंबई के बाहर उन स्थानों पर बीपीओ और केपीओ स्थापित करने के लिए जगह तलाश रहीं हैं जहां रीयल एस्टेट के दाम कम हों और टेलेंट पूल टिकाउ हो। उल्लेखनीय है कि मुंबई में कर्मचारियों द्वारा नौकरी बदलने की दर काफी अधिक है जबकि दूसरी जगह कर्मचारी एक ही जगह अधिक समय तक काम करते हैं। आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी अपना कुछ काम अन्यत्र स्थापित करने जा रही है। बैंक के पास 45,000 कर्मचारी है और हैदराबाद में उसके कार्यालय में एक साथ 20,000 लोग काम कर सकते हैं। इसके साथ ही वह अहमदाबाद में 10 लाख वर्ग फीट के स्थान पर 30-30 मंजिला तीन टॉवरों का निर्माण कर रहा है। हालांकि ऑफिस या फिर काम को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाना लागत और र्निबाध कार्य संचालन पर ही निर्भर है। केपीएमजी के कार्यकारी निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि जमीन के सस्ते दाम और कम लागत पर उपलब्ध टेलेंट के कारण ही वित्तीय कंपनियां मुंबई के बाहर शिफ्ट होने पर विचार कर रहीं हैं। अब तकनीकी और संचार के उन्नत साधनों के चलते ग्राहक के सामने न आकर भी उसे बेहतर सेवा दी जा सकती है।