हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (एचएएल) के शेयर में 55 प्रतिशत तेजी के बावजूद ब्रोकरों का मानना है कि इस रक्षा कंपनी में दमखम अभी भी बचा हुआ है। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के नतीजों के बाद विश्लेषकों के सकारात्मक आउटलुक को मजबूत ऑर्डर बुक, आशाजनक बढ़त परिदृश्य, मार्जिन में सुधार और बढ़े हुए क्रियान्वयन से मदद मिली है। इस वजह से कई ब्रोकरों ने कंपनी के लिए अपने आय अनुमान बढ़ा दिए हैं।
रक्षा दिगग्ज ने 4,348 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है जो एक साल पहले के मुकाबले 11 प्रतिशत की वृद्धि है और काफी हद तक अनुमानों के अनुरूप है। यह वृद्धि मुख्य तौर पर विनिर्माण पर केंद्रित रही है जो रिपेयर ऐंड ओवरहॉल (आरओएच) सेगमेंट से बेहतर रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए दो अंक की राजस्व वृद्धि का अनुमान जताया है जिसे हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की समय पर डिलिवरी की मदद से हासिल किया जा सकता है।
एलसीए तेजस एमके1ए की डिलिवरी की स्थिति महत्त्वपूर्ण है क्योंकि जीई एयरोस्पेस में आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) एफ404 इंजनों की आपूर्ति में
देरी हुई।
जीई ने 2022-23 से हर साल 16 इंजनों की आपूर्ति का लक्ष्य रखा था लेकिन अगस्त 2024 तक एक की भी आपूर्ति नहीं की गई। इस देरी की वजह से एचएएल के एलसीए एमके1ए की डिलिवरी भी आगे बढ़ गई। ये डिलिवरी मूल रूप से 2023-24 की चौथी तिमाही में की जानी थी। इस कारण नोमुरा रिसर्च ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने पूर्वानुमान को 14 से बदलकर 10 विमानों तक कर दिया है।
इन झटकों के बावजूद ब्रोकरेज ने इस शेयर पर ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है जो यह बताती है कि अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा है। हालांकि ब्रोकरेज के विश्लेषकों उमेश राउत और तनय रसाल को कई चिंताओं की वजह से वित्त वर्ष 2025 के राजस्व में ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं दिख रही है। ये चिंताएं एलसीए एमके1ए के लिए आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी हुई हैं। फिर भी, कुछ आपूर्तिकर्ताओं का सुझाव है कि वित्त वर्ष 2025 में विमानों की डिलिवरी में ज्यादा विलंब नहीं होगा।
जेफरीज रिसर्च ने भी अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है और जोर देते हुए कहा है कि मजबूत ऑर्डर बुक से अगले तीन से पांच साल के दौरान दो अंक की वृद्धि में भरोसा बढ़ा है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि बढ़ते राजस्व की वजह से वर्ष की दूसरी छमाही में मार्जिन में उतार-चढ़ाव की स्थिति में सुधार होगा।
कंपनी का ऑर्डर बैकलॉग 94,000 करोड़ रुपये का है, जो 15 प्रतिशत की सालाना की वृद्धि है। ऑर्डर प्रवाह मजबूत दिख रहा है क्योंकि अतिरिक्त 97 एलसीए एमके1ए, 156 एलसीएच (हलके लड़ाकू हेलीकॉप्टर) प्रचंड, 43 एएलएच (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) ध्रुव और समुद्री और डोर्नियर उन्नत 60 यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के अनुबंध शामिल हैं। यूबीएस रिसर्च का मानना है कि कंपनी वित्त वर्ष 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल करेगी।
ऊंचे-मार्जिन वाले आरओएच सेगमेंट की घटती भागीदारी से सकल स्तर पर मार्जिन 720 आधार अंक तक घट गया। बढ़ते कर्मचारियों और परिचालन खर्च की वजह से परिचालन लाभ में 7 प्रतिशत की गिरावट को बढ़ावा मिला। मार्जिन 450 आधार अंक घटकर 22.8 प्रतिशत रह गया। हालांकि सकल स्तर पर ऊंचे परिचालन लाभ से इसकी भरपाई हो गई।
भविष्य में मार्जिन मजबूत बने रहने की उम्मीद है। प्रबंधन का मानना है कि आरओएच से विनिर्माण का अनुपात 60:40 पर बना रहेगा। विनिर्माण राजस्व वित्त वर्ष 2024 के 32 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 42 प्रतिशत होने के बावजूद परिचालन दक्षता से मार्जिन को लगातार मदद मिलने की संभावना है।
ऐंटिक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषक धीरेंद्र तिवारी ने वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2027 के दौरान परिचालन लाभ में 14.5 प्रतिशत और शुद्ध लाभ में 17.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है।
हालांकि इलारा सिक्योरिटीज ने 2025-26 का आय अनुमान 1 प्रतिशत तक घटा दिया है, लेकिन अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग की पुन: पुष्टि की है। ब्रोकरेज के विश्लेषकों हर्षित कपाड़िया और नेमिश सुंदर का मानना है कि स्वदेशीकरण की बढ़ती भागीदारी और विमानन और हेलीकॉप्टर क्षेत्रों में निर्यात अवसरों को देखते हुए रेटिंग में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-27 के दौरान 15 प्रतिशत की आय वृद्धि और वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) 24 प्रतिशत का अनुमान जताया है।