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Haryana Ship Breakers: जहाज तोड़ने वाली कंपनी के शेयरों में 4 दिनों में 79% की उछाल

हरियाणा शिप ब्रेकर्स के शेयर 10 जुलाई से 79% बढ़कर रिकॉर्ड 222.90 रुपये पर पहुंचे; बीएसई ने स्टॉक सर्किट लिमिट को घटाया और कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा

Last Updated- July 16, 2024 | 5:53 PM IST
Stock Market on GST reforms

हरियाणा शिप ब्रेकर्स के शेयर मंगलवार को बीएसई पर 10% की ऊपरी सर्किट पर 222.90 रुपये पर पहुंच गए, जो रिकॉर्ड ऊंचाई है। जहाज निर्माण और संबद्ध सेवाओं वाली कंपनी का शेयर लगातार चौथे कारोबारी दिन सर्किट लिमिट पर पहुंच गया है। यह 10 जुलाई को 124.50 रुपये से 79% बढ़ गया है। बीएसई ने आज से स्टॉक के लिए सर्किट लिमिट को 20% से घटाकर 10% कर दिया है।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, बीएसई पर 246,000 शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई और 28,483 शेयरों के लिए खरीद ऑर्डर पेंडिंग थे। पिछले दो हफ्तों में औसतन 12 लाख से कम शेयरों का कारोबार हुआ। हरियाणा शिप ब्रेकर्स ‘X’ कैटेगरी के तहत कारोबार करता है। X कैटेगरी वाली कंपनियां केवल बीएसई पर ही कारोबार करती हैं और एनएसई पर नहीं।

इस बढ़त को देखते हुए, बीएसई ने 12 जुलाई 2024 को कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है। बीएसई का यह कदम निवेशकों को कंपनी के बारे में लेटेस्ट जानकारी देने और बाजार को सही तरह से सूचित करने के लिए उठाया गया है, ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा हो सके। कंपनी के जवाब का अभी इंतजार है।

31 मार्च 2024 तक, हरियाणा शिप ब्रेकर्स के कुल 6.17 मिलियन शेयर बकाया थे। इनमें से 75% हिस्सेदारी प्रमोटरों के पास थी। बाकी 25% हिस्सेदारी व्यक्तिगत शेयरधारकों (21.93%) और HUF (1.56%) के पास थी।

हरियाणा शिप ब्रेकर्स मुख्य रूप से जहाजों को तोड़ने और पुराने जहाजों का कारोबार करती है। इसके अलावा यह कंपनी मेटल स्क्रैप, ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड और अन्य औद्योगिक इनपुट के व्यापार में भी लगी हुई है।

भारत जहाज तोड़ने का सबसे बड़ा बाजार है, जहां गुजरात में स्थित आलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड हर साल कम से कम 450 जहाजों को संभालता है। कंपनी ने अपनी वित्त वर्ष 23 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि सरकार जहाज रीसाइक्लिंग क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का प्रयास कर रही है और उम्मीद है कि 2024 तक भारत की जहाज रीसाइक्लिंग क्षमता 9 मिलियन ग्रॉस टन से अधिक हो जाएगी।

First Published - July 16, 2024 | 5:53 PM IST

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