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इस दिवाली पैसा कहां लगाएं? सोना या शेयर, एक्सपर्ट से जानें कौन देगा असली फायदा

पिछले साल सोने ने शेयरों को पीछे छोड़ा, लेकिन लंबी अवधि में शेयरों की ही जीत होती है – जानिए इस दिवाली किसमें करें निवेश

Last Updated- October 09, 2025 | 10:08 AM IST
Gold vs Stocks investment

Gold vs Stocks: जैसे ही भारत में दीवाली की रौनक शुरू होती है, निवेशकों के सामने हर साल एक पुराना सवाल फिर उठता है: इस त्योहारी सीजन में सोना खरीदें या शेयर बाजार में निवेश करें? भारत में लंबे समय से दोनों ही संपत्तियों का खास महत्व रहा है। सोना अपनी सांस्कृतिक और भावनात्मक वजहों से पसंद किया जाता है, जबकि शेयर (स्टॉक्स) लंबी अवधि में पैसा बढ़ाने के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन आने वाले सालों में कौन सा विकल्प ज्यादा फायदे वाला रहेगा?

अभी के लिए सोने ने शेयरों को पछाड़ा

पिछले एक साल में सोने ने करीब 50% का जबरदस्त रिटर्न दिया है। इसका कारण है वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता, बढ़ता कर्ज और केंद्रीय बैंकों की खरीद। भारत में सोने के ईटीएफ जैसे GOLDBEES ने भी लगभग 55% रिटर्न दिया, जिससे यह 2025 की सबसे अच्छी कमाई करने वाली संपत्ति बन गया।

यह भी पढ़ें: ज्वेलरी, बार या ETF: सोने में निवेश के लिए क्या है सबसे अच्छा विकल्प?

इसके उलट, Nifty 50 इंडेक्स पिछले एक साल में लगभग स्थिर रहा, हालांकि महामारी के बाद इसमें अच्छी तेजी आई थी। पहली नजर में सोना जीतता नजर आता है, लेकिन अगर आप लंबी अवधि तक देखें, तो तस्वीर बदल जाती है।

लंबी अवधि में शेयर ही जीतते हैं

पिछले 10–15 सालों में, Nifty 50 ईटीएफ ने 12–15% का कम्पाउंड एनुअल रिटर्न (CAGR) दिया है, जबकि सोने का लंबी अवधि का CAGR लगभग 8–9% के आसपास है। कारण सरल है – कंपनियां अपनी कमाई बढ़ाती हैं, डिविडेंड देती हैं और भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था से फायदा उठाती हैं। वहीं, सोना कोई आय या ग्रोथ नहीं देता; यह सिर्फ मुश्किल समय में अपनी कीमत को सुरक्षित रखता है।

Paul Asset के इक्विटी विश्लेषक और 129 Wealth Fund के फंड मैनेजर प्रसेन्जित पॉल का कहना है, “पहली नजर में सोना बहुत आकर्षक लगता है। लेकिन अगर अवधि लंबी हो, तो कहानी बदल जाती है। Nifty 50 ईटीएफ ने 10–15 साल की अवधि में 12–15% CAGR दिया है, जबकि सोने का लंबी अवधि का CAGR 8–9% के आसपास है। कारण यह है कि कंपनियां बढ़ती हैं, डिविडेंड देती हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था का फायदा उठाती हैं, जबकि सोना केवल सुरक्षित निवेश है।”

क्या साल का सबसे अच्छा प्रदर्शन हर साल दोहराया जा सकता है?

एक और बात जो निवेशक अक्सर भूल जाते हैं: किसी साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली संपत्ति अगली साल उतनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती। ज्यादातर समय, सोना तब चमकता है जब दुनिया में संकट या भू-राजनीतिक समस्याएं हों, लेकिन जब शेयर बाजार बढ़ता है तो सोना पीछे रह जाता है। पिछले दो साल में सोने की तेज बढ़त के बाद अब सावधानी जरूरी है। अगर कीमतें स्थिर रह जाएं तो ज्यादा ऊंचे दाम पर खरीदारी करने से नुकसान हो सकता है।

प्रसेन्जित पॉल कहते हैं, “जो निवेशक सुरक्षित विकल्प चाहते हैं, वे सोना पसंद करते हैं क्योंकि यह स्थिर रहता है। वहीं, जो निवेशक तेजी से बढ़ने की संभावना चाहते हैं, वे शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं। अगले साल के लिए सबसे समझदारी भरी रणनीति यह होगी कि निवेश पोर्टफोलियो में शेयरों का बड़ा हिस्सा और सोने का स्थिर हिस्सा रखा जाए।”

First Published - October 9, 2025 | 10:08 AM IST

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