Gold prices rising: पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है। सोने की कीमतें करीब 28 प्रतिशत बढ़कर 2,395.66 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं। जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड का मानना है कि सोने के भावों में यह तेजी निवेशकों के उत्साह के अभाव के बीच चीन की मांग के कारण आई है।
वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में लिखा है, ‘जहां तक सोने का सवाल है तो इसकी तेजी में निवेशकों का उत्साह गायब है लेकिन सवाल यह है कि इस धातु में तेजी क्यों आ रही है। सबसे स्पष्ट कारण चीन से मांग है। अभी भी इस तर्क की पुष्टि के लिए ठोस आंकड़े नहीं हैं। आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े के अनुसार चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार 17वें महीने सोना खरीदा है।’
वुड का कहना है कि चीन का आधिकारिक स्वर्ण भंडार 314 टन या 16.1 प्रतिशत तक बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 2,262 टन पर पहुंच गया जो अक्टूबर 2022 के अंत में 1,948 करोड़ टन था। चीन का स्वर्ण आयात एक साल पहले के मुकाबले 53 प्रतिशत तक बढ़कर 2024 के पहले दो महीनों में 372 टन हो गया।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार जिन अन्य कारकों से कीमतों को मदद मिली है, उनमें भूराजनीतिक घटनाएं और मुद्रास्फीति तथा ब्याज दरें प्रबंधित करने की कोशिशों के तहत अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदम शामिल हैं। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि कई मोर्चों पर भूराजनीतिक तनाव बढ़ने से जियोपॉलिटकल रिस्क (जीपीआर) इंडेक्स फिर से ऊपर पहुंच गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में मुद्रा एवं जिंस मामलों के सहायक उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह का कहना है कि सोने की कीमत में बड़ी गिरावट केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, चीन की खरीदारी, भूराजनीतिक तनाव और अनियंत्रित अमेरिकी राजकोषीय घाटे पर निर्भर करेगी।
हालांकि वुड इस बात से प्रभावित हैं कि सोने ने पश्चिम दुनिया में ईटीएफ प्रवाह के स्पष्ट सबूत के बगैर नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनका मानना है कि सबसे बड़ा जोखिम सोने की कीमतों में इस तेजी को रोकने के लिए ‘आधिकारिक कोशिशें’ हैं।
वुड ने लिखा है, ‘यह स्पष्ट है कि मौजूदा तेजी से जोखिम जुड़ा हुआ है, जिसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हेज फंड जैसे फंड प्रबंधकों की सोने में निवेश की लॉन्ग पोजीशन फरवरी मध्य के 46,400 अनुबंधों से बढ़कर 2 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में 178,213 अनुबंधों तक पहुंच गई। संभवतः सबसे बड़ा जोखिम कीमत को कम करने का आधिकारिक प्रयास होगा।’ इस बीच, सोने की बढ़ती कीमतों से रिटेल भागीदारी पर असर पड़ा है।