facebookmetapixel
तमिलनाडु में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश से विस्तार करेगी फॉक्सकॉनRetail Inflation: सितंबर में खुदरा महंगाई घटकर 1.54% रही, 8 साल में सबसे कमहमास ने 20 बंधकों को किया रिहा, इजरायल ने 1,900 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली कीभारत में आत्महत्या की घटनाओं में 23% की बढ़ोतरी, नौकरी से तनाव और मानसिक उत्पीड़न बड़ा कारणबिजली मंत्रालय ने ब्रह्मपुत्र घाटी से 65 गीगावॉट पनबिजली के लिए ₹6.4 लाख करोड़ का मास्टर बनाया प्लानव्यापार वार्ता के लिए अमेरिका जाएगा भारतीय दल, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे नेतृत्वMuse Wearables ने भारत में स्मार्ट रिंग से तुरंत भुगतान के लिए NPCI रूपे नेटवर्क से की साझेदारीदिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: व्यापारियों को अदालत से ढील मिलने की उम्मीदभारत और कनाडा ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा और दुर्लभ खनिज में सहयोग बढ़ाने का लिया फैसलागूगल और आंध्र प्रदेश करेंगे 1 गीगावॉट क्षमता वाले डेटा सेंटर के लिए समझौता

Gold prices rising: क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें? बता रहे हैं क्रिस्टोफर वुड

Gold price rise: Chris Wood का मानना है कि सोने के भाव में तेजी चीन की मांग की वजह से आई है

Last Updated- April 12, 2024 | 10:10 PM IST
DLF, RIL, Zomato, MakeMyTrip: Chris Wood of Jefferies rejigs India exposure

Gold prices rising: पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है। सोने की कीमतें करीब 28 प्रतिशत बढ़कर 2,395.66 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं। जेफरीज में इ​क्विटी रणनीति के वै​श्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड का मानना है कि सोने के भावों में यह तेजी निवेशकों के उत्साह के अभाव के बीच चीन की मांग के कारण आई है।

वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में लिखा है, ‘जहां तक सोने का सवाल है तो इसकी तेजी में निवेशकों का उत्साह गायब है लेकिन सवाल यह है कि इस धातु में तेजी क्यों आ रही है। सबसे स्पष्ट कारण चीन से मांग है। अभी भी इस तर्क की पु​ष्टि के लिए ठोस आंकड़े नहीं हैं। आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े के अनुसार चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार 17वें महीने सोना खरीदा है।’

वुड का कहना है कि चीन का आ​धिकारिक स्वर्ण भंडार 314 टन या 16.1 प्रतिशत तक बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 2,262 टन पर पहुंच गया जो अक्टूबर 2022 के अंत में 1,948 करोड़ टन था। चीन का स्वर्ण आयात एक साल पहले के मुकाबले 53 प्रतिशत तक बढ़कर 2024 के पहले दो महीनों में 372 टन हो गया।

विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार जिन अन्य कारकों से कीमतों को मदद मिली है, उनमें भूराजनीतिक घटनाएं और मुद्रास्फीति तथा ब्याज दरें प्रबं​धित करने की कोशिशों के तहत अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदम शामिल हैं। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि कई मोर्चों पर भूराजनीतिक तनाव बढ़ने से जियोपॉलिटकल रिस्क (जीपीआर) इंडेक्स फिर से ऊपर पहुंच गया है।

विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में मुद्रा एवं जिंस मामलों के सहायक उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह का कहना है कि सोने की कीमत में बड़ी गिरावट केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, चीन की खरीदारी, भूराजनीतिक तनाव और अनियंत्रित अमेरिकी राजकोषीय घाटे पर निर्भर करेगी।

मुख्य जो​खिम

हालांकि वुड इस बात से प्रभावित हैं कि सोने ने प​श्चिम दुनिया में ईटीएफ प्रवाह के स्पष्ट सबूत के बगैर नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनका मानना है कि सबसे बड़ा जो​खिम सोने की कीमतों में इस तेजी को रोकने के लिए ‘आ​धिकारिक को​शिशें’ हैं।

वुड ने लिखा है, ‘यह स्पष्ट है कि मौजूदा तेजी से जो​खिम जुड़ा हुआ है, जिसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हेज फंड जैसे फंड प्रबंधकों की सोने में निवेश की लॉन्ग पोजीशन फरवरी मध्य के 46,400 अनुबंधों से बढ़कर 2 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में 178,213 अनुबंधों तक पहुंच गई। संभवतः सबसे बड़ा जोखिम कीमत को कम करने का आधिकारिक प्रयास होगा।’ इस बीच, सोने की बढ़ती कीमतों से रिटेल भागीदारी पर असर पड़ा है।

First Published - April 12, 2024 | 10:10 PM IST

संबंधित पोस्ट