प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई पूरन कुमार ने हाल ही में चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर नौकरी से संबंधित तनाव एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कथित मानसिक उत्पीड़न का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली।
देश में खास कर पुरुषों के जान देने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 तक पांच वर्षों के दौरान भारत में आत्महत्या की घटनाओं में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें पुरुषों की संख्या अधिक रही। खास बात यह है कि किसी एक क्षेत्र से जुड़े लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति नहीं देखी जा रही, बल्कि विभिन्न व्यवसायों से ताल्लुक रखने वाले पुरुष इस स्थिति का शिकार हो रहे हैं।
खुद ही अपना जीवन समाप्त करने की दर साल-दर-साल लगातार बढ़ रही है। हालांकि, 2023 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर इसकी दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2019-23 के बीच आत्महत्या करने वाले सभी लोगों में सरकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी लगभग एक प्रतिशत पर बरकरार रही। वैसे, सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वालों में दैनिक वेतन भोगी होते हैं। इसके बाद गृहिणियों, बेरोजगारों और छात्र सबसे अधिक जान देते हैं।