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ग्लोबल फंड अभी भारत में पैसा लगाने के मूड में नहीं

Last Updated- December 07, 2022 | 6:43 AM IST

ग्लोबल फंड मैनेजर एशिया खासकर भारत और चीन के शेयर बाजरों में निवेश करने से कतरा रहे हैं।


पिछले महीने मेरिल लिंच द्वारा कराए गए ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वेक्षण में भारत और चिली को 63 प्रतिशत निगेटिव वेटेज के साथ विश्व स्तर पर तेजी से उभर रहे बाजारों की सूची में अंडटवेट श्रेणी में रखा है।

सर्वेक्षण में स्पष्ट किया गया है कि बीआरआईसी (ब्राजील, इंडिया, रूस और चीन) समूह के देशों में पिछले महीने निवेशकों ने रूस में निवेश करने में खासी रूचि दिखाई और अपना ओवरवेट 67 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया। ठीक इसके विपरीत एक महीने पहले भारत का अंडरवेट नाटकीय ढ़ंग से 33 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है। चिली के अंडरवेट में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह एक पिछले महीने में 71 प्रतिशत से घटकर 63 प्रतिशत आ गया।

बीआरआईसी देशों में निवेशकों ने भारत में सबसे कम दिलचस्पी दिखाई है और जीईएम निवेशकों ने अगले 12 महीनों के लिए इसे 47 प्रतिशत तक अंडरवेट किया है। पिछले महीने के 33 प्रतिशत की तूलना में यह अपेक्षाकृत अधिक है। ब्राजील 26 प्रतिशत ओवरवेट के साथ सबसे निचले स्थान पर है जबकि रूस 84 प्रतिशत ओवरवेट के साथ पहले स्थान पर है। चीन अंडरवेट के मामले में भारत के बाद खड़ा है।

सर्वे में ग्लोबल ग्रोथ की स्थिति निराशाजनक बताई गई है और ग्लोबल और ग्लोबल इमर्जिंग मार्के ट के प्रॉफिट के सबसे निचले स्तर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।  सर्वे में कहा गया है कि कुल 61 प्रतिशत फंड मैनेजर ग्लोबल ग्रोथ को लेकर अपनी निराशा जताई जोकि वर्ष 2008 में अपने एक और निचले स्तर पर है जबकि 70 प्रतिशत फंड मैनेजर चीन के विकास को लेकर नाउम्मीदी जताई है।

सर्वेक्षण में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि लगभग 27 प्रतिशत एसेट एलोकेटर ने ग्लोबल इक्विटीज को अंडरवेट किया है जोकि पिछले 10 सालों में यह सबसे नाकारात्मक पहलू है जबकि 42 प्रतिशत ने कैश को ओवरवेट दिया और पिछले दस वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा ओवरवेट है। विक सित देशों में निवेशकों ने अमेरिका, जापान में निवेश करने में उत्साह दिखाया है जबकि यूरोपीय बाजारों में उनका उत्साह पहले से घटा है।

लगभग 23 प्रतिशत फंड मैनेजरों ने अमेरिकी शेयर बजार को महत्व दिया है जोकि अगस्त 2001 के बाद सबसे उंचे स्तर पर है जबकि 29 प्रतिशत ने युरोजोन को अंटरवेट किया है जो अभी तक का सबसे उंचा स्तर है। निवेशकों ने जीईएम को मामूली स्तर पर ओवरवेट किया है लेकिन जापान को ओवरवेट करने में जबरदस्त का उत्साह दिखाया है।

गौरतलब है कि अगले 12 महीनों में होनेवाले कॉरपोरेट प्रॉफिट को लेकर जीईएम निवेशक निराशावादी रहें हैं। लगभग 68 प्रतिशत निवेशकों ने कहा कि मुनाफे में थोड़ी कमी आ सकती है जबकि 21 प्रतिशत ने कहा कि मुनाफे में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है। जीईएम निवेशकों ने अगले 12 महीनों में होनेवाले 10 प्रतिशत या उससे अधिक होनेवाले कॉरपोरेट प्रॉफिट पर अपनी मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।

First Published - June 20, 2008 | 10:48 PM IST

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