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FPI ने अक्टूबर में अबतक शेयरों से 12,000 करोड़ रुपये निकाले, बॉन्ड में 5,700 करोड़ रुपये डाले

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 20 अक्टूबर तक एफपीआई ने 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।

Last Updated- October 22, 2023 | 11:26 AM IST
The market succumbed to the selling by foreign investors, FPI has withdrawn Rs 21,272 crore so far in February विदेशी निवेशकों की बिकवाली के आगे बाजार ने टेके घुटने, FPI ने फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये निकाले

अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने तथा इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 12,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक डाले भी हैं।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आगे चलकर भारतीय बाजारों में एफपीआई का निवेश न केवल वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दरों से, बल्कि इजराइल-हमास संघर्ष से जुड़े घटनाक्रमों से भी प्रभावित होगा।’’

उन्होंने कहा कि भूराजनीतिक तनाव ऐसा जोखिम है जिसकी वजह से भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 20 अक्टूबर तक एफपीआई ने 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।

यह भी पढ़ें : Market Outlook: वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम, दूसरी तिमाही के नतीजों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार लिवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली की प्रमुख वजह अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल का लगातार बढ़ना है।

अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल (10 साल के लिए) 19 अक्टूबर को 17 साल के उच्चस्तर पांच प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसके साथ ही इस साल अबतक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश 1.08 लाख करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

First Published - October 22, 2023 | 11:26 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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