पहला टार्गेट मैच्योरिटी फंड (भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड-ईटीएफ, अप्रैल 2023) परिपक्व हो गया है और उसका रिटर्न वाईटीएम और बेंचमार्क इंडेक्स (निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स) के मुकाबले थोड़ा कम रहा है।
31 मार्च 2023 को ईटीएफ ने 6.54 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया जबकि बेंचमार्क इंडेक्स की सालाना वृद्धि दर 6.61 फीसदी रही। शुरुआती दौर में वाईटीएम (भविष्य के रिटर्न का संकेतक) 6.69 फीसदी था और यह जानकारी एडलवाइस म्युचुअल फंड की तरफ से जारी नोट से मिली।
फंड हाउस ने कहा कि ट्रैकिंग में गलती अलग-अलग प्रतिफल पर कूपन के पुनर्निवेश का नतीजा था। फंड हाउस ने कहा, इसकी वजह यह रही कि शुरुआती कूपन पुनर्निवेश कोविड के चलते कम प्रतिफल वाले माहौल में हुआ, वहीं हालिया पुनर्निवेश उच्च प्रतिफल वाले माहौल में हुआ, जब ब्याज दरें बढ़ रही थी।
एडलवाइस एमएफ ने 17 अप्रैल को परिपक्वता के बाद ईटीएफ का विलय भारत बॉन्ड ईटीएफ 2025 में कर दिया।
अपनी तरह की पहली योजना की शुरुआत 2020 में इस लक्ष्य के साथ हुई थी कि भारतीय बॉन्ड बाजार को खुदरा निवेशकों की पहुंच के लिहाज से बेहतर बनाया जाएगा। इस योजना की अवधारणा निवेश व परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने तय की थी और इसका प्रबंधन एडलवाइस एमएफ को दिया गया।
तीन साल में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां करीब 2 लाख करोड़ रुपये हो गई और कई फंड हाउस इसमें प्रवेश कर गए। पैसिव डेट योजनाएं इसलिए लोकप्रिय हुई क्योंकि इनमें तय रिटर्न देने की क्षमता है, अगर इसमें परिपक्वता तक निवेशित रहा जाए। साथ ही इसके साथ न्यूनकम क्रेडिट व ब्याज दर जोखिम होता है। हालांकि योजना अब कर के अवरोध का सामना कर रहा है।
सरकार ने डेट एमएफ को मिलने वाला कर लाभ वापस ले लिया है, जो उसे सावधि जमाओं व इससे जुड़े अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले मिलता था। कराधान में बदलाव से निवेश पर असर पड़ने की आशंका है।