facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

एआईएस में ज्यादा आय से करदाताओं को नोटिस का डर

Last Updated- December 11, 2022 | 5:10 PM IST

आयकर देने वालों को इस बात का डर सता रहा है कि उन्हें सरकार से नोटिस मिल मिलेंगे, क्योंकि कई मामलों में आयकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए वार्षिक आय विवरण (एआईएस) में उनकी असली आय से ज्यादा आय दिखाई जा रही है। हालांकि  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इन आशंकाओं को पूरी तरह से निराधार बताते हुए खारिज किया है।
आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई है।
आयकर विभाग के अनुसार 31 जुलाई को शाम 6 बजे तक 5.53 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि आकलन वर्ष 21-22 के लिए बढ़ाई गई समय सीमा 31 दिसंबर तक 5.7 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे।
एएनएम ऐंड एसोसिएटस चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के साझेदार आशीष भटनागर ने कहा कि एआईएस में विभिन्न विसंगतियां सामने आ रही हैं, खास तौर पर डाकघर योजनाओं और परिसंपत्ति से होने वाली आय के संबंध में।
उन्होंने कहा ‘हालांकि सीबीडीटी ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि लोगों को अपने खुद के रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए और उस पर भरोसा करना चाहिए, लेकिन हमें इस बात का डर है कि विभाग से नोटिस जा जाएंगे। अगर कोई विसंगति होती है और कोई नोटिस नहीं आता है, तो पहले स्थान पर एआईएस क्यों था? और नोटिस आते हैं, तो करदाताओं को परेशानी होगी।’
अन्य कर सलाहकारों और चार्टर्ड अएकाउंटेंट ने भी इसी तरह की आशंका जताई है।
संपर्क करने पर सीबीडीटी की प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने कहा कि मुझे यह बताने का निर्देश दिया गया है कि आयकर विभाग एआईएस में रिपोर्टिंग वाली विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए आंकड़े प्रदर्शित करता है। रिपोर्टिंग वाली संस्थाओं की ओर से त्रुटि की आशंका है। इसलिए करदाताओं को अपनी प्रतिक्रिया देने और रिपोर्टिंग वाली संस्था द्वारा प्रदान किए गए आंकड़े एआईएस के पोर्टल में निर्दिष्ट स्थान पर ही सही करने के लिए एक विकल्प प्रदान किया गया है। प्रतिक्रिया के आधार पर आंकड़ों को एआईएस में दुरुस्त किया जाता है।
सीबीडीटी ने हाल ही में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय आम तौर पर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) जारी किए हैं। इनमें से एक सवाल में कहा गया है कि एआईएस और 26एएस में नजर आने वाली आय विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी और विभिन्न हितधारकों द्वारा किए गए कर अनुपालन पर आधारित होती है।
एकेएम ग्लोबल के प्रमुख (टैक्स मार्केट्स) येशु सहगल ने कहा कि एआईएस ब्याज और अन्य स्रोतों से होने वाली आपकी असली आय से अधिक आय दिखा रहा है। यही वजह है कि आयकर विभाग ने अक्सर पूछे जाने वाले सवाल पेश किए हैं कि आपको अपनी वास्तविक आमदनी की जानकारी देनी चाहिए।

First Published - August 1, 2022 | 12:28 AM IST

संबंधित पोस्ट