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‘ट्रस्ट से लेकर टेक्नोलॉजी तक पर जोर’, SEBI के नए अध्यक्ष तुहिन कांता पांडेय ने बताया कि भविष्य में कैसे होगा काम

पांडेय ने ट्रस्ट के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि SEBI को भारत की जनता, संसद, सरकार, निवेशकों और उद्योग का भरोसा प्राप्त है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- March 01, 2025 | 4:55 PM IST

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नए अध्यक्ष तुहिन कांता पांडेय ने बाजार नियामक के रूप में अपनी चार प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उनका पूरा ध्यान अब ट्रस्ट, ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्क और टेक्नोलॉजी पर रहेगा। शनिवार को पदभार ग्रहण करने के बाद पांडेय ने कहा, “हमारी चार प्राथमिकताएं हैं। हम ट्रस्ट के लिए काम करते हैं, ट्रांसपेरेंसी के लिए काम करते हैं, टीमवर्क के लिए काम करते हैं और टेक्नोलॉजी के लिए काम करते हैं। हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाजार संस्थानों में से एक बनने के प्रयास को जारी रखेंगे।”

उन्होंने ट्रस्ट के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि SEBI को भारत की जनता, संसद, सरकार, निवेशकों और उद्योग का भरोसा प्राप्त है।

पांडेय ऐसे समय में पदभार संभाल रहे हैं जब घरेलू बाजार भारी बिकवाली दबाव का सामना कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा लगातार निकासी है। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स सितंबर में अपने शिखर से 16% गिर चुका है, जबकि स्मॉल और मिड-कैप स्टॉक्स 20% से अधिक गिर चुके हैं।

अपने पहले के अध्यक्ष की शैली पर टिप्पणी करने से इनकार

जब पांडेय से पूछा गया कि क्या उनके काम करने की शैली उनकी पूर्ववर्ती मधबी पुरी बुच से अलग होगी, तो उन्होंने इस विषय पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, “हम किसी के बारे में या फिर किसी के काम करने की शैली के बारे में कुछ नहीं कहने जा रहे हैं। हम एक टीम हैं और यह टीम काम करेगी।” मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित SEBI मुख्यालय में चार पूर्णकालिक सदस्यों ने नए अध्यक्ष का स्वागत किया। हालांकि, निवर्तमान अध्यक्ष माधवी पुरी बुच उस वक्त मौजूद नहीं थीं क्योंकि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं।

वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी रह चुके हैं पांडेय

SEBI प्रमुख बनने से पहले पांडेय वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने राजस्व विभाग की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। इससे पहले, वे निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Dipam) में सबसे लंबे समय तक सचिव रहे। Dipam सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है।

केंद्रीय बजट 2025 में निभाई अहम भूमिका

9 जनवरी को राजस्व विभाग का कार्यभार संभालने के बाद, पांडेय ने केंद्रीय बजट 2025 को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें उन्होंने मध्यम वर्ग को एक लाख करोड़ रुपये की कर राहत देने जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए। इसके अलावा, उन्होंने 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट को बदलने के लिए नए इनकम टैक्स बिल का मसौदा तैयार करने में भी सक्रिय भूमिका निभाई।

Dipam में कार्यकाल के दौरान विनिवेश नीति को दिया बढ़ावा

Dipam में 24 अक्टूबर 2019 से 8 जनवरी 2025 तक कार्यरत रहते हुए, पांडेय ने कई विनिवेश पहल का नेतृत्व किया। यह रणनीति सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों नीति के अनुरूप थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न उद्योगों में सरकारी हिस्सेदारी को कम करना था।

First Published : March 1, 2025 | 4:55 PM IST