छोटी कंपनियों की अगुवाई वाला बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स (BSE SmallCap) और मझौली कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई मिडकैप इंडेक्स (BSE MidCap) चालू वित्त वर्ष 2024-25 या FY25 में लगातार पांचवें महीने बेंचमार्क इंडेक्स, बीएसई सेंसेक्स को पछाड़ने के लिए तैयार है।
FY25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) में, स्मॉलकैप इंडेक्स में 30.7 प्रतिशत (FY24 में 38 प्रतिशत) की बढ़त हुई है, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 24.9 प्रतिशत (FY24 में 30 प्रतिशत) की बढ़त देखी गई, जबकि इस अवधि के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स में केवल 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बुधवार के इंट्राडे ट्रेड में बीएसई स्मॉलकैप (56,416.31) और मिडकैप (49,099.45) इंडेक्सों ने बीएसई पर नई रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की।
आंकड़ों से पता चलता है कि स्मॉलकैप इंडेक्स में शामिल 995 शेयरों में से लगभग 420 शेयरों या 42 फीसदी ने इस अवधि के दौरान 30 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है। कुल 48 स्मॉलकैप शेयरों की वैल्यू दोगुनी हो गई है, यानी 100 फीसदी या उससे ज्यादा का रिटर्न दिया है।
इनमें से, चार शेयर- बालू फोर्ज इंडस्ट्रीज, शक्ति पंप्स (इंडिया), जीएमआर पावर और अर्बन इंफ्रा और पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट- FY25 में अब तक 200 प्रतिशत से 300 प्रतिशत के बीच बढ़े हैं।
मिडकैप शेयरों में इमामी ने 95 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जबकि ऑयल इंडिया, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स, ट्रेंट और संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल ने 70 फीसदी से 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।
विश्लेषकों का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट सहित पिछले कुछ महीनों में बाजार में तेजी घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के मजबूत फ्लो के कारण आई है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, DIIs ने FY25 में अब तक 2 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। दूसरी ओर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
विश्लेषकों के अनुसार, मौजूदा सेंसेक्स और निफ्टी स्तरों को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि इंडेक्स (सेंसेक्स) ट्रेलिंग प्राइस-टू-अर्निंग्स (PE) बेसिस पर 24x से कम पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि, इक्विनोमिक्स रिसर्च के फाउंडर और रिसर्च प्रमुख जी चोक्कलिंगम (G Chokkalingam) ने चेतावनी दी है कि SMC सेगमेंट के कुछ हिस्सों में चिंता की बात है।
उन्होंने कहा, “नए जमाने के कुछ शेयरों में 4-अंकीय PE तक की तेजी जारी है, और हम उनके बारे में चिंतित हैं। औसत जोखिम प्रोफाइल वाले निवेशकों के लिए, इक्विटी परिसंपत्तियों का 50 प्रतिशत तक लार्ज कैप (विशेष रूप से सेंसेक्स / निफ्टी) में निवेश करना उचित है। 5 प्रतिशत सोने/कैश में और शेष गुणवत्ता वाले SMC स्टॉक्स में निवेश करने की सलाह दी जाती है। निवेशकों को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का चयन इस प्रकार करना चाहिए कि यदि कोई महत्वपूर्ण गिरावट होती है, तो वे इसे झेलने में सक्षम हों।”
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों के अनुसार कमजोर कमोडिटी, अमेरिकी ब्याज दरों में सितंबर में संभावित कटौती और बड़े पैमाने पर खपत में सुधार, बाजार के लिए महत्वपूर्ण टेलविंड (सपोर्टिव फैक्टर्स) हैं, लेकिन प्रीमियम-एंड पर धीमी खपत चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि हालिया सुधार के बाद निफ्टी PE में नरमी आई है, लेकिन कुछ जगहों पर ओवर वैल्यूएशन अब भी बरकरार है।
एमके ग्लोबल के सेशाद्रि सेन, अर्थकुमार गांधी और मीनल भगवट ने हाल ही में एक नोट में लिखा, “हमारा मानना है कि बाजार उचित मूल्य पर है और निकट अवधि की बढ़ोतरी तभी आएगी जब आय संशोधन की गति लौटेगी। एक वर्ष से अधिक की अवधि के दृष्टिकोण से, हम सकारात्मक हैं क्योंकि लगातार दोहरे अंकों की आय वृद्धि जारी है।”
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि महत्तवपूर्ण आर्थिक आंकड़ें, कमोडिटी की स्थिर कीमतें और लचीली कॉर्पोरेट आय के साथ, बाजारों पर उनका पॉजिटिव रुख बना हुआ है। उनका सुझाव है कि किसी भी गिरावट का उपयोग गुणवत्ता वाले शेयरों का लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो बनाने के लिए किया जाना चाहिए। ब्रोकरेज फर्म ने FY26E पर निफ्टी का मूल्यांकन 27,500 यानी 22x PE पर किया है, जो शॉर्ट-से-मीडियम अवधि में 10 प्रतिशत की संभावित वृद्धि की पेशकश करता है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख पंकज पांडे ने कहा, “यह हमारा 12 महीने का रोलिंग टारगेट है। हम अपने PE वैल्यूएशन गुणकों को 20x से बढ़ाकर 22x कर रहे हैं, जिसमें व्यापक आर्थिक स्थिरता, दृढ़ राजनीतिक जनादेश, नीतिगत निरंतरता पर जोर और अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में इक्विटी को एक निवेश वर्ग के रूप में और अधिक आकर्षक बनाना शामिल है। ब्याज दर में कटौती और अधिक सकारात्मक होगी।” ब्रोकरेज फर्म का 12 महीने का सेंसेक्स टारगेट 91,600 है।