भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से उतार-चढ़ाव जारी है। सितंबर 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 10% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। इस बाजार कमजोरी का असर नए लिस्टेड IPOs पर भी पड़ा है। FY25 में 79 कंपनियों ने शेयर बाजार में लिस्टिंग की, लेकिन 24 मार्च 2025 तक इनमें से 57 (यानि 72%) स्टॉक्स अपनी लिस्टिंग कीमत से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इतना ही नहीं, 36 स्टॉक्स (45%) अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे आ गए हैं।
IPO में गिरावट क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह IPOs का महंगा मूल्यांकन (Overvaluation) है। Mehta Equities के रिसर्च हेड प्रशांत तापसे के मुताबिक, “जब बाजार बुलिश था, तब IPOs ऊंचे वैल्यूएशन पर लिस्ट हुए। लेकिन अब जब मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में कमजोरी आई, तो ये ऊंचे वैल्यूएशन टिक नहीं पाए।”
दूसरी छमाही में IPOs पर ज्यादा असर
अक्टूबर 2024 के बाद 40 कंपनियों के IPO लॉन्च हुए, जिन्होंने ₹1.11 लाख करोड़ से ज्यादा जुटाए। इनमें से 28 कंपनियों के शेयर लिस्टिंग प्राइस से नीचे हैं, जबकि 18 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं।
यह गिरावट सिर्फ छोटे IPOs तक सीमित नहीं है। Hyundai Motor India, Ola Electric, Swiggy और NTPC Green Energy जैसे बड़े नाम भी लिस्टिंग के बाद संघर्ष कर रहे हैं।
Choice Broking के विश्लेषक राजनाथ यादव का कहना है, “IPO बाजार की तेजी का फायदा उठा रहे थे, लेकिन साल के दूसरे हिस्से में ग्लोबल अनिश्चितताओं और कमजोर बाजार के चलते रिटेल निवेशकों की भागीदारी घटी, जिससे ये शेयर टिक नहीं पाए।”
क्या यह निवेश का दूसरा मौका है?
इस गिरावट के बाद विश्लेषकों का मानना है कि कुछ आकर्षक मौके बन रहे हैं। जो लोग IPO की शुरुआती लहर से चूक गए, उनके लिए यह गिरावट दूसरा मौका दे सकती है। कम्प्लीट सर्कल कैपिटल के पार्टनर और वाइस प्रेसिडेंट आदित्य कोंडावर कहते हैं कि बाजार की इस गिरावट ने कमजोर कंपनियों को छांट दिया है और मजबूत बुनियाद वाली कंपनियों के शेयर कम प्रभावित हुए हैं, जो निवेश का अच्छा मौका देता है।
तापसे का भी यही मानना है कि कुछ शेयर अब उचित वैल्यूएशन पर आ गए हैं। वे लंबी अवधि के लिए एमक्योर फार्मा, नीवा बूपा और एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की सलाह देते हैं। यादव का सुझाव है कि निवेशकों को तेजी से बढ़ने वाले सेक्टरों पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि ऐसे सेक्टरों में निवेश से शेयरों की कीमतें भविष्य में सुधर सकती हैं और बढ़ सकती हैं।
कैसे करें निवेश?
विशेषज्ञों के मुताबिक, लॉन्ग टर्म ग्रोथ वाले सेक्टर्स पर ध्यान देना फायदेमंद रहेगा। बाजार में गिरावट के बावजूद, अच्छी कंपनियों में निवेश करने का यह सही मौका हो सकता है। लेकिन निवेशकों को धैर्य और रिसर्च के साथ फैसला लेना चाहिए।