इस महीने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम का बाजार तैयार हो रहा है क्योंंकि कंपनियां अपने शेयरों को सूचीबद्ध कराने की योजना आगे बढ़ा रही हैं ताकि द्वितीयक बाजार की तेजी का फायदा उठाया जा सके। सूत्रों ने कहा कि अगले चार हफ्ते में करीब 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए करीब आधा दर्जन कंपनियां अपना आईपीओ पेश करने पर विचार कर रही हैं।
रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंडिगो पेंट्स, होमफस्र्ट फाइनैंस कंपनी, इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन और सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक आदि बाजार में अपने-अपने आईपीओ उतारने की तैयारी कर रही हैं।
स्पार्क कैपिटल के निवेश बैंंकिंग प्रमुख स्कंद जयरामनन ने कहा, व्यवस्था में सामान्य नकदी को देखते हुए निवेशकों का नजरिया तेजी का है। मौद्रिक सहजता जारी है। फंडामेंटल अभी हालांकि मूल्यांकन के साथ कदमताल नहीं बिठा पाया है।
होम फस्र्ट फाइनैंस ने सेबी के पास पिछले साल विवरणिका के मसौदा में एक परिशिष्ट जमा कराया। कंपनी मार्च में आईपीओ पेश करना चाहती थी, लेकिन कोविड-19 के कारण उसे अपनी योजना टालनी पड़ी। सेंट्रम कैपिटल के प्रबंध निदेशक (निवेश बैंंकिंग) राजेंद्र नाइक ने कहा, अर्थव्यवस्था सही राह पर चलती नजर आ रही है। साथ ही विदेशी निवेशकों के निवेश से भी फायदा मिलेगा। ज्यादातर कंपनियां खुदरा व संस्थागत निवेशकों की नकदी पर नजर बनाए हुए हैं। हालिया आईपीओ ने निवेशकों को तात्कालिक लाभ दिया है।
कई कंपनियां टली हुई अपनी आईपीओ योजना को बहाल करना चाहता हैं क्योंकि बाजार की तेजी उन्हें अच्छा मौका मुहैया करा रहा है। पिछले हफ्ते सिविक सर्विस कंपनी एंटनी वेस्ट हैंडलिंग सेल अपने इश्यू कीमत से 36 फीसदी प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुई। कंपनी का शानदार आगाज सुस्त प्रतिक्रिया के कारण वापस लिए जा चुके आईपीओ के नौ महीने बाद देखने को मिला है।
जयरामन ने कहा, इन कंपनियों ने अपनी योजना टाल दी थी क्योंकि किसी को अंदाजा नहींं था कि लॉकडाउन कितना लंबा खिंचेगा। साथ ही कारोबार पर कैसा असर पड़ेगा। दिसंबर के बाद हमें वास्तविक आंकड़े देखने को मिले कि हर सेगमेंट के ग्राहकों का व्यवहार कैसा है। आईपीओ लाने वाली कोई कंपनी अपने कारोबार पर कोविड के असर के बारे में बताने के लिहाज से बेहतर स्थिति मेंं होती है।
बेंचमार्क सूचकांकों ने मार्च के निचले स्तर से 86 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। खास तौर से पिछले दो महीने की तेजी अमेरिकी चुनाव नतीजे के आशावाद और कोविड टीके के क्लिनिकल ट्रायल पर प्रगति के कारण देखने को मिली है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दिसंबर में शेयरों में 62,016 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
नकदी और अनुकूल मूल्यांकन को आईपीओ की मंजूरी (पर पेशकश उतारने का इंतजार करने) वाली कंपनियों के लिए अहम मजबूती माना जा रहा है। रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह ने भरोसे के स्तर को काफी बढ़ाया है।
अनुवर्ती लेनदेन में कामयाबी और और द्वितीयक बाजार की स्थिरता के कारण आईपीओ बाजार में साल की दूसरी छमाही में सुधार दिखना शुरू हो गया। सितंबर का महीना आईपीओ के लिहाज से एक दशक में सबसे व्यस्त महीनों में से एक साबित हुआ और आठ आईपीओ पेश किए गए। ऐसी कामयाबी और सेबी की रियायत से कई फर्म व निवेश बैंकर अपनी आईपीओ योजना को दोबारा सामने रखने के लिए प्रोत्साहित हुए।
